दिल्ली को देनी पड़ी किसानों को एंट्री, आज की बैठक में किसान तय करेंगे आगे की रणनीति
नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का धरना जारी है. किसानों ने शुक्रवार की रात सिंधु बॉर्डर पर गुजारी है. अब किसानों की मीटिंग चल रही है. जिसमें में तय किया जाएगा कि किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे या वहीं पर प्रदर्शन जारी रखेंगे.
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों से दिल्ली के लिए चले किसानों को आखिरकार दिल्ली में आने की मंजूरी दे दी गई है. किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है, लेकिन किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ गया है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बॉर्डर पर आकर बात करें. प्रदर्शनकारी अभी सिंघु बॉर्डर पर ही डटे हुए हैं और बुराड़ी जाने से इनकार कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने बताया कि कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं. हम आज बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे. फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग चल रही है, इसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी. इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली मार्च कर रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra singh Tomar) ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है. तोमर ने आंदोलनरत किसानों को 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया है.
वहीं, क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है.
#WATCH A meeting of farmers from Punjab underway at Singhu border (Delhi-Haryana) as they continue their protest here
— ANI (@ANI) November 28, 2020
Delhi Police yesterday gave permission to farmers to hold their demonstrations at the Nirankari Samagam Ground in Delhi's Burari area pic.twitter.com/1t4OoVITCQ
किसान यूनियन के पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह का कहना है सरकार जब तक हमारी मांगें नहीं मानती, काले कानून वापस नहीं लेती, एमएसपी को लेकर चीजें साफ नहीं करती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
ज्यादातर किसान पंजाब से दिल्ली के लिए टैक्टर, ट्रकों, गाड़ियों में सवार होकर निकले थे, रास्ते में हरियाणा पुलिस ने हाईवे पर जगह-जगह उन्हें रोकने की कोशिश की. किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, आंसूगैस के गोले छोडे़ गए और उन पर इस हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में ठंडे पानी की बौछारें मारी गईं. कई किसानों के घायल होने की भी खबर है. शुक्रवार सुबह सबसे ज्यादा बवाल सिंधू और टिकरी बॉर्डर पर हुआ. किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में फोर्स तैनात थी. बड़ी संख्या में सड़कों पर बैरियर रखे थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज हुआ.
हरियाणा-पंजाब के किसानों का समर्थन करते हुए वेस्ट यूपी में भी किसान सड़कों पर उतरे। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, शामली, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और मुरादाबाद से गुजरने वाली सड़कों को जाम कर दिया. एनएच-58, दिल्ली-देहरादून हाइवे और यमुना एक्सप्रेस-वे पर कुछ घंटों के लिए गाड़ियों की रफ्तार थम गई.