कोरोना महामारी के बीच "साउथ चाइना सी" में चीन की चालबाज़ियां, बज रही खतरे की घंटी
दक्षिणी चीन सागर में कई ऐसे छोटे-छोटे द्वीप हैं जिन पर चीन अपनी नज़र गढ़ाए बैठा है.
आसियान देशों की एक ऑनलाइन मीटिंग में वियतनाम और फिलिपीन्स ने चेतावनी दी है कि दक्षिण चीन सागर में कोरोना महामारी के बीच चीन के कारण असुरक्षाएं बढ़ती जा रही हैं. दक्षिणी पूर्वी देशों का कहनाहै कि चीन ने दक्षिणी चीन सागर के विवादित हिस्सों में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं.
वियतनाम और फिलीपीन्स दोनों ही देशों ने अप्रेल में अपना विरोध दर्ज करवाया था जब चीन ने विवादित इलाकों के द्वीपों पर अपने नए डिस्ट्रिक्ट बनाने की एकतरफा घोषणा कर दी थी. इन द्वीपों पर अधिकार के लिए वियतनाम और फिलिपीन्स दोनों ही देश भी दावा करते हैं.
फिलिपीन्स के राष्ट्रपति रॉड्रिगो डुटर्टे ने असोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन्स( आसियान) के नेताओं की एक वर्चुअल मीटिंग में कहा कि जब हमारा क्षेत्र कोरोना से लड़ रहा है, दक्षिणी चीन सागर में हो रही घटनाएं खतरे की घंटी बजाती हैं.
"तनाव बढ़ाने से बाज़ आएं "
साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी पक्षों से यह गुजारिश करते हैं कि तनाव बढाने से बाज आएं और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत जिम्मेदारी से काम करें.
चीन दक्षिणी चीन सागर में दूसरे देशों के आर्थिक क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. यह सब ऐसे समय में हो रहा है जबकि वो देश कोविड19 से जूझने में लगे हैं. इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र ने भी चीन से कहा कि वह अपनी "दादागिरी" उन इलाकों में बंद करे.
अप्रेल में वियतनाम ने कहा था कि उसकी एक मछली पकड़ने वाली नाव को चीन के समुद्री निगरानी जहाज ने डुबो दिया था. चीन का कहना है कि दक्षिणी चीन सागर में वियतनाम का दावा अवैध है और इसे असफल होना ही होगा.
आसियान समिट की शुरूआत में वियतनामी प्रधानमंत्री गुएन झुआन फुक ने कहा कि वैश्विक महामारी के समय अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं बुरी तरह खतरे में आए हैं.