ये खिलाड़ी सिर्फ़ विश्वकप के लिए बना था, बैटिंग-बॉलिंग सबमें सर्वश्रेष्ठ दिया
2003 में इस खिलाड़ी ने अपने जीवन की ना सिर्फ़ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी की बल्कि अपने भीतर के बल्लेबाज़ की झलक भी उन्होंने दुनिया के सामने पेश की. उन्होंने जीवन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर उसी विश्वकप में बनाया.
कुछ खिलाड़ी बेहतरीन होते हैं, लेकिन बड़े मौक़ों पर नहीं चलते. कुछ खिलाड़ी औसत होते हैं, लेकिन अपना सर्वश्रेष्ठ बड़े मौक़ों के लिए बचाकर रखते हैं. महानता वाली सूची में भले ही पहली श्रेणी के खिलाड़ियों का दबदबा हो, लेकिन बड़े मौक़ों पर शानदार खेल दिखाने वाले खिलाड़ी दशकों बाद भी दिल से नहीं उतरते. क़िस्सा 2003 के विश्वकप का है. उस वक़्त ऑस्ट्रेलिया की टीम अजेय मानी जाती थी. ऑस्ट्रेलिया ने उस विश्वकप में एक भी मैच हारे बग़ैर ट्रॉफी जीतकर इस बात को साबित भी किया. लेकिन, टूर्नामेंट में कई ऐसे मौक़े आए थे, जब लगा था कि मैच ऑस्ट्रेलिया के हाथों से निकल गया.
लेकिन, हर नाज़ुक मोड़ पर ऑस्ट्रेलिया को उस खिलाड़ी ने बचाया, जिसे ‘12वें’ के तौर पर टीम में रखा गया था. नाम है- एंडी बिकल. ग्लेन मैकग्रा, ब्रेट ली और जेसन गिलेस्पी जैसे तेज़ गेंदबाज़ों से सजी टीम में बिकल के लिए कहां जगह थी? उन्हें लगातार टीम में चुना जाता, लेकिन प्लेइंग-11 से वो हमेशा बाहर रहते. अपने करियर में 19 टेस्ट मैचों में बिकल 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभा चुके हैं.
बिकल ने गेंदबाज़ी से टॉप बल्लेबाज़ों का पसीना छुड़ा दिया था
बहरहाल, विश्वकप की शुरुआत हुई. ऑस्ट्रेलिया का पहला मैच पाकिस्तान से था. बिकल फिर से 12वें खिलाड़ी थे. टीम में जगह नहीं मिली. ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को आसानी से 82 रनों से मात दे दी. दूसरा मैच भारत के ख़िलाफ़ था. ऑस्ट्रेलिया ने फिर से 9 विकेट से भारत को एकतरफ़ा मात दी. लग नहीं रहा था कि एंडी बिकल को टीम में जगह मिलेगी.
जेसन गिलेस्पी की जगह एंडी बिकल
लेकिन, नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ जेसन गिलेस्पी की जगह बिकल को मौक़ा दिया गया और बिकल ने इस मौक़े को अपने प्रदर्शन में तब्दील कर दिया. बिकल ने महज 5 ओवर की गेंदबाज़ी की और उन्होंने 13 रन देकर 3 विकेट झटक लिए.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के दो-तीन मुक़ाबले कमज़ोर टीम के साथ थी और टीम प्रबंधन ने बिकल पर भरोसा जताया. उन्होंने ज़िम्बाबवे के ख़िलाफ़ गेदबाज़ी की लेकिन बहुत ज़्यादा छाप नहीं छोड़ पाए. नामीबिया की टीम के सामने कप्तान रिकी पोंटिंग ने बिकल से एक ही ओवर करवाया और बिकल ने उस ओवर में एक भी रन नहीं दिया और 2 विकेट झटक लिए. नामीबिया की पूरी टीम 45 पर आउट हो गई
सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी
फिर वो मौक़ा आया जब लगा कि एंडी बिकल का पत्ता टीम से कट सकता है. मुक़ाबला इंग्लैंड के ख़िलाफ़ था. पोंटिंग ने घातक गेंदबाज़ जेसन गिलेस्पी की जगह एंडी बिकल को टीम में रखा. इस मैच में एंडी बिकल ने जो गेंदबाज़ी की वो उनके जीवन की सर्वेश्रेष्ठ गेंदबाज़ी साबित हुई. उन्होंने 10 ओवर में 20 रन देकर 7 विकेट चटका दिए.
फिर मौक़ा आया बल्लेबाज़ी का. ऑस्ट्रेलिया के तमाम दिग्गज एक के बाद एक ढेर होते गए. एक वक़्त ऐसा भी आया जब ऑस्ट्रेलिया के 8 बल्लेबाज़ 135 रनों पर पवेलियन लौट चुके थे. 9वें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने उतरे एंडी बिकल ने टीम को संभाला और 36 गेंदों में 34 रन बनाकर दो विकेट से जीत दिला दी. वो मैन ऑफ़ द मैच थे.
सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ी
इसके बाद विश्वकप की टीम से उनको बाहर रखना नामुमकिन हो गया था. सुपरसिक्स का मैच था. ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज़ एक बार फिर असफ़ल रहे. 9वें नंबर पर फिर से उतरे एंडी बिकल और उन्होंने 83 गेंदों में 64 रनों की शानदार पारी खेली. उस मैच में ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से उन्होंने सर्वाधिक स्कोर बनाया. बिकल की ज़िंदगी में जिस तरह इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 7 विकेट सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ, उसी तरह 64 रनों की पारी उनके करियर की सर्वश्रेषठ पारी रही. फिर, इसी मैच में उन्होंने गेंद से भी शानदार प्रदर्शन किए. 5 ओवर, 15 रन और 1 विकेट. ऑस्ट्रेलिया ने मैच जीत लिया.
सुपरसिक्स में बिकल के गेंद ने बल्लेबाज़ों का जीना हराम कर दिया था. कीनिया के ख़िलाफ़ उन्होंने 2 विकेट लिए और श्रीलंका के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में बिकल ने 10 ओवर में 4 मेडन रखते हुए महज 18 रन दिए. श्रीलंका को डकवर्थ लुइस नियम के हिसाब से 38 ओवरों में 172 रन बनाने थे, लेकिन बिकल ने बल्लेबाज़ों को बांधकर रख दिया. ऑस्ट्रेलिया इस तरह फाइनल में पहुंची.
फ़ाइनल में पोंटिंग के शतक और मैकग्रा की घातक गेंदबाज़ी ने एंडी बिकल के प्रदर्शन को ढंक दिया, लेकिन जिस ख़ूबसूरत अंदाज़ में उन्होंने राहुल द्रविड़ को 47 रनों के निजी स्कोर पर बोल्ड किया था, उसके बाद मैच में भारत कभी वापसी नहीं कर पाया.
एंडी बिकल जैसे खिलाड़ी टीम में आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन 2003 के विश्वकप में 12वें खिलाड़ी से शुरू हुआ उनका सफर टीम को ट्रॉफी थमाने तक जिस फॉर्म में चला, उसे क्रिकेट की दुनिया में हमेशा याद किया जाएगा.
(हमें फ़ेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो करें)