पाकिस्तान को बड़ा झटका, जम्मू-कश्मीर मामले में UN नहीं करेगा कोई मदद
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर शिमला समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच द्वविपक्षीय मसला है.
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान पर दबाव बढ़ता जा रहा है. अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनका देश भारत से जंग नहीं चाहता है. लेकिन हम पर युद्ध थोपा गया तो इसका जवाब दिया जाएगा. इमरान ने कल वरिष्ठ पत्रकारों से मुलाकात के दौरान ये बात कही. इस मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद बने हालात पर चर्चा की गई.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाएगा. साथ ही इसे संयुक्त राष्ट्र में भी ले जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि धारा 370 हटाकर भारत जम्मू-कश्मीर की आबादी के स्वरूप को बदलना चाहता है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत जम्मू-कश्मीर के हालात से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है.
उधर, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के मामले पर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. लेकिन फिलहाल उसे सफलता मिलती नहीं दिख रही है. संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंटोरियो गुटेरेस ने साफ कर दिया है कि ये मसला शिमला समझौते के तहत सुलझाया जाना चाहिए जिसमें कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला बताया गया गया है. उन्होंने दोनों देशों को अधिकतम संयम बरतने की सलाह भी दी है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा, 'महासचिव जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. वो अधिकतम संयम की अपील करते हैं. महासचिव ने इस मौके पर शिमला समझौते को याद किया है जिसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर मसले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाएगा. महासचिव खुद या उनका कार्यालय इस मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की मध्यस्थता करने का इच्छुक नहीं है. उन्होंने शिमला समझौते का हवाला देते हुए कहा कि इस द्विपक्षीय समझौते में भारत और पाकिस्तान ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया है.'
भारत ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी थी. संसद से पारित प्रस्ताव को इसी दिन राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी. इसके बाद वहां भारतीय संविधान पूरी तरह लागू हो गया है.