लालू यादव का नीतीश कुमार पर तंज- परदे में रहने दो, परदा ना उठाओ, जानिए क्यों साधा ये निशाना?
लालू यादव ने नीतीश कुमार के ग्रामीण दौरा की तस्वीर का साझा करते हुए लिखा, “परदे में रहने दो, परदा ना उठाओ, पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा.” इसके साथ ही लालू यादव ने कहा- नीतीश कुमार के पंद्रह साल, भ्रम और झूठ का काला काल.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 नजदीक आते ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मी लगातार तेज़ होती जा रही है. कोरोनावायरस के इस दौर में सभी दलों के नेता ऑनलाइन व ऑफलाइन राज्य में कैंपेन चला रहे हैं. इस बीच आरजेडी नेता लालू यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर ट्वीट कर तंज कसा है.
लालू यादव ने नीतीश कुमार के ग्रामीण दौरा की तस्वीर का साझा करते हुए लिखा, “परदे में रहने दो, परदा ना उठाओ, पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा.” इसके साथ ही लालू यादव ने कहा- नीतीश कुमार के पंद्रह साल, भ्रम और झूठ का काला काल.
दरअसल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार पिछले दिनों बिहार के किसी ज़िले में दौरा पर थे. इस दौरान वहां के गंदगी वाले हिस्से व कच्चे बस्ती को सीएम की नजरों से छिपाने के लिए अधिकारियों ने पर्दा लगा दिया था. इसी पर्दा वाले तस्वीर को साझा करते हुए लालू यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
पर्दे में रहने दो पर्दा ना उठाओ
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) June 27, 2020
पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा
नीतीश कुमार के पंद्रह साल
भ्रम और झूठ का काला काल pic.twitter.com/TSYBiEeSKa
सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर किया था हमला
बता दें कि इससे पहले बिहार के डिप्टी सीएम ने लालू यादव पर हमला करते हुए कहा था कि 1995 में लालू प्रसाद के पक्ष में बैलेट बाक्स से निकलने वाला अतिपिछड़ों का ‘जिन्न’ उनकी प्रताड़ना से परेशान होकर 2005 के बाद पूरी तरह से एनडीए के पाले में आ गया.
उन्होंने कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के लोगों को 15 साल का मौक़ा मिला तो अतिपिछड़ों को अपमानित व दलितों को नरसंहारों की भेंट चढ़ाने का काम किया.
उन्होंने पूछा है कि आरजेडी प्रमुख लालू यादव बतायें, कि अपने 15 वर्षों के राज में अतिपिछड़ों, दलितों व महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण क्यों नहीं दिया?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक ओर तो आरजेडी-कांग्रेस ने 23वर्षों तक पंचायत का चुनाव नहीं कराया, जब कराया तो इन वर्गों को आरक्षण से वंचित कर दिया. जब 2005 में एनडीए की सरकार बनी तो पंचायत चुनाव में एकल पदों पर मुखिया, प्रमुख, ज़िला परिषद अध्यक्षों व वार्ड सदस्यों के लिए अतिपिछड़ों को 20 फीसदी, दलितों को 17 और महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप आज इन वर्गों से हजारों जनप्रतिनिधि चुन कर आ रहे हैं.
लालू बनाम नीतीश के 15 सालों की चर्चा
बता दें कि इस साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. ऐसे में सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं.
पिछले दिनों नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा था कि वह नीतीश बनाम लालू राज के 15 सालों की चर्चा करें.
उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से करें कि लोगों को बताएं कि लालू राज में 15 सालों में कितना काम हुआ था और पिछले 15 सालों में नीतीश सरकार में क्या-क्या काम किए गए.