चीन की इस हरकत पर बुरी तरह भड़के ऑस्ट्रेलियाई पीएम, कहा- शर्म आनी चाहिए
ये विवाद ऐसे वक़्त में हुआ है जब दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहा है. इसी महीने, चीन ने कहा था कि रिश्तों में आई इस दरार के पीछे चीन की सरकार जिम्मेदार नहीं है बल्कि ऑस्ट्रेलिया के गलत कदमों की वजह से ऐसा हो रहा है.
ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच एक फर्जी तस्वीर को लेकर घमासान छिड़ गया है. ऑस्ट्रेलिया ने चीन से कहा है कि वो अपने सरकारी ट्विटर अकाउंट पर एक फर्जी तस्वीर शेयर करने के लिए माफी मांगे. इस तस्वीर में एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक को एक अफगानी बच्चे की हत्या करते हुए दिखाया गया है. एक टीवी संबोधन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि चीन को ये "घृणित" तस्वीर साझा करने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए.
मॉरिसन ने कहा कि ये काफी आपत्तिजनक है और किसी भी आधार पर इसका बचाव नहीं किया जा सकता है. चीन की सरकार को अपनी इस घिनौनी पोस्ट को लेकर शर्मिंदा होना चाहिए. ये पूरी दुनिया के सामने उनकी असलियत जाहिर करता है. ये एक फर्जी तस्वीर है और हमारी सेना और पिछले 100 सालों से इस वर्दी में देश की सेवा कर रहे लोगों का अपमान है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से सोमवार को ये तस्वीर शेयर की थी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था, "ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा अफगान नागरिकों और कैदियों की हत्या से हैरान हैं. हम इस तरह के कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं, और उनकी जवाबदेही तय करने की मांग करते हैं."

दरअसल इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2009 से 2013 के बीच 25 ऑस्ट्रेलियाई सैनिक कथित तौर पर 39 अफगानी आम नागरिकों और कैदियों की हत्या में शामिल थे. रिपोर्ट आने के बाद, ऑस्ट्रेलियाई डिफेंस फोर्स ने 13 सैनिकों को बर्खास्त कर दिया. इसके अलावा, फोर्स ने केंद्रीय पुलिस से कथित 36 युद्ध अपराधों की जांच करने के लिए कहा है.
वहीं ऑस्ट्रेलियाई पीएम के बयान को लेकर भी चीन ने प्रतिक्रिया दी है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हु चुनयिंग ने ऑस्ट्रेलिया पर अफगानिस्तान में गंभीर युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया मेरे साथी के निजी ट्वीट पर इतना ज्यादा रिएक्ट कर रहा है. क्या उनकी नजर में ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों का अफगानिस्तान में मासूम लोगों की निर्मम हत्या करना सही है और इस घृणित अपराध की निंदा करना गलत है?
हु चुनयिंग ने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार को ठीक से विचार करना चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए. ऑस्ट्रेलिया को अफगान लोगों से आधिकारिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा करना चाहिए कि वो ऐसे भयावह अपराधों को दोबारा अंजाम नहीं देगा.

ये विवाद ऐसे वक़्त में हुआ है जब दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहा है. इसी महीने, चीन ने कहा था कि रिश्तों में आई इस दरार के पीछे चीन की सरकार जिम्मेदार नहीं है बल्कि ऑस्ट्रेलिया के गलत कदमों की वजह से ऐसा हो रहा है. सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन ने भी ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव होने की बात स्वीकार की. हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे तनाव बढ़ाने वाले कदमों के बजाय बातचीत को ही जरिया बनाया जाना चाहिए. मॉरिसन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस घटना के बाद बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.
चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है लेकिन पिछले कुछ वक्त से दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर टकराव बढ़ा है. चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले कुछ समय से ट्रेड वॉर भी छिड़ा हुआ है. वहीं ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच की मांग की थी जिससे चीन बेहद खफा हो गया था. हॉन्ग कॉन्ग को लेकर भी ऑस्ट्रेलिया ने चीन की रवैये की आलोचना की थी. इसके बाद चीन ने भी ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने के मकसद से वहां की कई वस्तुओं का आयात या तो रोक दिया है या फिर भारी टैक्स लगा दिया है.