JNU के समर्थन में हुए सिटिज़न मार्च को मिला देश भर से समर्थन
आज दिल्ली के मंडी हाउस से संसद मार्ग तक निकाले गए सिटिज़न मार्च में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर, CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन की महासचिव ऐनी राजा जैसे कई नामचीन चेहरे भी शामिल हुए.
दिल्ली में नई शिक्षा नीति के विरोध में और JNU समेत बाक़ी सभी विश्वविद्यालयों की बढ़ी हुई फीस वापस लेने के समर्थन में निकाले गए सिटिज़न मार्च में शामिल होने देश देश के कई कोनों से छात्र संगठन और सिविल सोसायटी के लोग पहुंचे. इस मार्च में जेएनयू विभिन्न छात्र संगठनों के अलावा जेएनयू शिक्षक संगठन औऱ पूर्व छात्र संगठन ने भी हिस्सा लिया. मार्च में दिल्ली यूनिवर्सिटी और अंबेडकर यूनिवर्सिटी जैसे कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से विद्यार्थी भी पहुंचे.
आज दिल्ली के मंडी हाउस से संसद मार्ग तक निकाले गए सिटिज़न मार्च में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर, CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन की महासचिव ऐनी राजा जैसे कई नामचीन चेहरे भी शामिल हुए. देखें ये वीडियो-
जेएनयू में पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट की फर्स्ट ईयर की छात्रा कौशिकी कहती हैं, "मेरे पिता नहीं हैं, मेरी मां राजस्थान के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. अगर ये फीस वृद्धि वापस नहीं ली जाती है तो मुझे अपनी पढ़ाई छोड़नी होगी. मैं एमफिल या पीएचडी करने के बारे में सोच भी नहीं पाउंगी."
इसी तरह मार्च में शामिल होने आए एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी बेटी बारहवीं में लेकिन अगर उच्च शिक्षा में फीस बढ़ोतरी इसी तरह जारी रही तो वो अपनी बेटी को आगे नहीं पढ़ा पाएंगे.
सिटिज़न मार्च में जेएनयू के वाइस चांसलर के इस्तीफे की मांग भी ज़ोर-शोर से उठी. छात्रों का मानना है कि वीसी मामीडाला जगदेश कुमार ने अभी तक छात्रों के हित में एक भी काम नहीं किया और केवल जेएनयू के छात्रों के दमन में उनकी भूमिका रही है.
हो सकती है बढ़ी फीस वापस
इस बीच खबर है कि केन्द्र सरकार की हाई पॉवर कमेटी जेएनयू की बढ़ी हुई हॉस्टल फ़ीस का फ़ैसला वापस लेने की सिफ़ारिश कर सकता है. शुक्रवार को इस कमेटी की बैठक में इस मसले पर फैसला लघभग तय हो चुका है. 16 नवंबर को मानव संसाधन मंत्रालय ने इस कमेटी का गठन किया था जिसमें यूजीसी के चेयरमैन रहे वीएस चौहान, एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्रबुध्दे और यूजीसी के सचिव राजेश जैन शामिल हैं.
इस कमेटी ने पिछले 5 दिनों में विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्रों और टीचर्स के साथ बैठकें की हैं. लेकिन जेएनयू के वीसी जगदेश कुमार ने इस कमेटी की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था.
कमेटी यह सिफ़ारिश कर सकती है कि फ़िलहाल जेएनयू की बढ़ी हुई फ़ीस का फ़ैसला प्रसाशन वापस ले और उसके बाद छात्रों और अध्यापकों से विचार विमर्श कर इस मसले पर फ़ैसला करे.