मध्य प्रदेश : राम मंदिर के चंदे के नाम पर हुई सांप्रदायिक हिंसा किसी बड़े खतरे की आहट तो नहीं
मध्य प्रदेश के मालवा इलाके में बीते हफ्ते अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए निकाली गई रैलियों में उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी. कई जगह मस्जिदों पर भगवा झंडे लहराए गए. तो कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने कई घर गिरा दिए.
मध्य प्रदेश के मालवा इलाके को सास्ंकृतिक रूप से काफी समृद्ध माना जाता है. लेकिन मालवा का यह इलाका आजकल सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहा है. 25 दिसंबर के बाद से उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं. तीनों जगह की हिंसा का एक ही प्लाट है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण में सहयोग के लिए चंदा लेने के लिए रैली निकाली गई. ये रैलियां मुस्लिमबहुल इलाकों से होकर निकाली गईं. भड़काऊ नारे लगाए गए, बाद क्रिया की प्रतिक्रिया हुई और हिंसा भड़क गई.

हिंसा की शुरुआत होती है, उस दिन जिस दिन अपने दुश्मनों से भी प्रेम करने का संदेश देने वाले ईसा मसीह की जयंती यानि कि क्रिसमस का जश्न पूरी दुनिया में मनाया जा रहा था. उस दिन महाकाल की नगरी उज्जैन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के युवाओं का संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ता एक रैली निकालते हैं. रैली का उद्देश्य अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा जुटाना था. भाजयुमो के सैकड़ों कार्यकर्ता बाइकों पर सवार थे और बहुत से लोग पैदल थे.
महाकाल की नगर में हिंसा
इस रैली को महाकाल मंदिर के पास महाकालभक्त निवास में पहुंचना था. इस रास्ते में ही आता है बेगम बाग. यह इलाका मुस्लिम बहुल है. तैयब इसी इलाके के रहने वाले हैं. उन्होंने 'एशियाविल हिंदी' को बताया कि 25 दिसंबर को यह रैली तीन बार निकाली गई. इसमें उत्तेजक नारे लगाए गए. वो कहते हैं, ''मुझे लगता है कि मुसलमानों को उकसाने के लिए यह रैली निकाली गई थी. इसके जवाब में दूसरे पक्ष के लोगों ने भी नारे लगाए. जुलूस में शामिल लोगों ने यूनिक अस्पताल पर पत्थरबाजी कर उसके शीशे तोड़ दिए. इसके जवाब में कुछ मुसलमान औरतों ने भी पत्थरबाजी की. इसमें नुकसान दोनों तरफ का हुआ.''
तैयब बताते हैं, '' जुलूस में शामिल लोगों के भड़काऊं नारे से मुसलमान युवा भड़क गए. जबकि होना यह चाहिए था कि वो इस घटना का वीडियो बनाते औऱ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराते. लेकिन वो भिड़ गए. इस दौरान दोनों तरफ से पथराव हुआ. इसके बाद हिंदू पक्ष के तीन लोगों ने कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. इसके बाद पुलिस से वीडियो फुटेज के आधार पर करीब 40 लोगों को हिरासत में ले लिया. इसमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.''
वो बताते हैं कि जिला कलेक्टर से कई बार अनुरोध करने के बाद भी पुलिस ने मुस्लिम पक्ष के लोगों की शिकायत तो ले ली, लेकिन एफआईआर नहीं दर्ज की. वो बताते हैं कि मुस्लिम पक्ष के 18 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें से चार पर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है.

तैयब बताते हैं कि 26 दिसंबर को पुलिस ने उस महिला को हिरासत में ले लिया, जिसने पत्थर फेंके थे. बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसी दिन उस मकान की ओर जाने वाले रास्ते को ब्लॉक कर और पुलिस फोर्स लगाकर तोड़ना शुरू कर दिया. तैयब बताते हैं कि वहां मौजूद एडिशनल एसपी ने बताया कि यह मकान अवैध है. नोटिस के बावत पूछने पर उन्होंने बताया कि आज सुबह ही नोटिस दिया गया है. इसके बाद पता चला कि जिस मकान को तोड़ा जा रहा है, वह एक हिंदू का है और उसमें नीचे मंदिर बना हुआ है, तो उसे छोड़कर पड़ोस के मुसलमान के मकान को तोड़ दिया. और उनका सामान निकालकर सड़क पर फेंक दिया.
रासुका की कार्रवाई
मीडिया में आई खबरों में उज्जैन के पुलिस प्रमुख सत्येंद्र कुमार के हवाले से कहा गया है दूसरे पक्ष के लोगों की भी शिनाख्त कर ली गई है. जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. रासुका के तहत कार्रवाई के सवाल पर एसपी का कहना है, ''रासुका केवल उन लोगों पर लगाई गई, जिन पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं. और क्यों लगाई गई, किन परिस्थितियों में लगाई गई, इसे आप कोर्ट को तय करने दीजिए.''
वहीं 29 दिसंबर की शाम मंदसौर में भी अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के लिए हिंदूवादी संगठन के लोग रैली निकालते हैं. इसमें भी बाइक पर कुछ युवा सवार थे. खबरों के मुताबिक यह रैली विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने निकाली थी. यह रैली मंदसौर से 20 किमी दूर स्थित डोराना गांव पहुंचता है. यह मुस्लिमबाहुल्य गांव है. गांव में पहुंचने के बाद रैली में शामिल लोग 'जय श्री राम' के नारे लगाए और तेज आवाज में डीजे पर गाना बजाने लगे.
स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. इसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी. पत्थर चलाए गए. रैली में आए लोग वहां घरों में घुस गए और घरों में तोड़फोड़ की. उनमें लगे इस्लामिक झंडों को उतारकर भगवा झंडा फहरा दिया.

अखबार ‘नई दुनिया’ को विहिप के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौधरी बताया है, ''राम जन्मभूमि संग्रह निधि इकट्ठा करने के उद्देश्य से विहिप द्वारा गांव-गांव में वाहन रैलियां निकाली जा रही हैं. मंगलवार को ग्राम सेजपुरिया से डोराना तक रैली निकाली जा रही थी. इस दौरान कुछ लोगों द्वारा रैली में शामिल युवाओं पर पथराव किया. उन्हें हथियार दिखाकर डराने की कोशिश की गई. इसके बाद क्रिया की प्रतिक्रिया हुई. रैली के बाद घर जा रहे हमारे कार्यकर्ताओं के साथ ग्राम बादाखेड़ी में भी मारपीट कर बाइक जलाने की जानकारी मुझे मिली है.''
घर में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट
स्वतंत्र पत्रकार काशिफ काकिव के मुताबिक डोराना गांव के उमर मंसूरी के घर भगवा झंडा लिए हुए एक भीड़ पहले दरवाजा तोड़कर घर में घुसी. भीड़ ने घर में तोड़फोड़ की और लूटपाट की. कुछ लोगों ने उनके घर पर चढ़कर भगवा झंडा भी फहराया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मंदसौर के एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने 'एशियाविल हिंदी' को बताया कि 29 दिसंबर को हुई घटना के बाद से इलाके में स्थिति सामान्य है. वो बताते हैं कि उस दिन रैली में शामिल कुछ उद्दंड लोगों ने एक जगह चढ़कर झंडा लगाया था और कुछ कांच वगैरह तोड़े थे. वो बताते हैं कि दूसरे पक्ष की ओर से कुछ नहीं किया गया है. एसपी ने बताया कि इस मामले में 6 एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि उसी दिन 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और दो लोगों को आज गिरफ्तार किया गया है. वो बताते हैं कि गिरफ्तार हुए लोग हिंदू पक्ष के हैं. उन्होंने बताया कि हिंदू पक्ष की शिकायत के आधार पर एक व्यक्ति को नामजद किया गया है. उन्होंने बताया कि किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई नहीं की गई है.
चंदनखेड़ी की हिंसा
29 दिसंबर को ही मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के गौतमपुरा थाना क्षेत्र के चंदनखेड़ी गांव में ठीक इसी तरह से हिंसा भड़क उठी थी. वहां पर भी हिंदूवादी संगठनों ने रैली निकाली. इस रैली का भी उद्देश्य अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा जुटाना था. इस रैली में शामिल लोगों ने भी वही भड़काऊ नारे लगाए. अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक रैली में शामिल लोग वहां की एक मस्जिद के बाहर खड़े होकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे. मस्जिद में उस समय नमाज पढ़ी जा रही थी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें मस्जिद के बाहर हनुमान चालिसा के पाठ को सुना जा सकता है. एक वीडियो में एक युवक मस्जिद की मीनार को तलवार से नुकसान पहुंचाते नजर आता है.
स्वतंत्र पत्रकार काशिफ काकवी बताते हैं कि इस गांव में हिंदूवादी संगठनों की उग्र भीड़ ने दो बार हमला किया. दूसरी बार के हमले के बाद जब भीड़ वापस जा रही थी तो उसने गांव से 300-400 मीटर की दूरी पर स्थित सद्दाम पटेल के घर पर हमला कर दिया और उनकी गाड़ियों में आग लगा दी. उनका कहना है कि भीड़ की ओर से की गई फायरिंग में सद्दाम के भाई के पैर में गोली लगी है.
Madhya Pradesh Home Minister @drnarottammisra responding to question on demolition of house in #Ujjain after #clashes between @BJYMMP & residents of Muslim dominated Begum bagh says, 'Pathar jaha se aaenge, wahi se toh nikale jaenge.' @IndianExpress pic.twitter.com/PBr1Exhcnm
— Iram Siddique (@Scribbly_Scribe) December 29, 2020
काकवी ने बताया कि इस हिंसा के बाद प्रशासन ने गांव में 15 मुसलमानों के घर गिरवा दिए. उनका कहना है कि प्रशासन कह रहा है कि घर आपसी सहमति से गिरवाए गए हैं. लेकिन पीड़ित परिवारों तक मीडिया की पहुंच रोकने के लिए पत्रकारों को गांव से डेढ किमी पहले ही रोक दिया जा रहा है.
झड़प के बाद प्रशासन ने गांव के 15 मकान तोड़ दिए । pic.twitter.com/phfVF7hF9c
— Kashif Kakvi (@KashifKakvi) December 31, 2020
मैंने जब सद्दाम पटेल को फोन किया तो उन्होंने बताया कि वो इस समय अस्पताल में भर्ती हैं. वो काफी घबराए हुए थे. उनके अंदर समाए डर या कहें कि हिंसा के खौफ को उनसे हुई बातचीत में मैंने इसे महसूस किया. उन्होंने बताया कि उग्र भीड़ ने उन्हें घर में घुसकर और घर आग लगाकर मारा. ट्रैक्टर-ट्रालियों, बाइकों, अन्य गाड़ियों, कृषि उपकरणों और घर में रखे अनाज में आग लगा दी. इसमें सबकुछ जल गया है. वो बताते हैं कि उनका करीब 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
पीड़ित का बयान
सद्दाम पांच भाई हैं और खेती-बाड़ी का काम सबलोग मिलकर करते हैं. सद्दाम बताते हैं कि वो इंदौर के एमवाई अस्पताल में भर्ती हैं. वो बताते हैं कि भीड़ ने उन पर तलवारों से हमला किया. इसमें उनके हाथ में घाव हुआ है और पत्थरों के हमले में पीठ में चोट आई है. उनके बड़े भाई को पैर में गोली भी लगी है. एक भाई के दोनों हाथों और पीठ में तलवार से हमला किया गया. एक भाई के सिर पर रॉड से हमला किया गया. बात पूरी होने से पहले ही सद्दाम ने फोट को काट दिया. इससे पूरी जानकारी नहीं मिल सकी.

मीडिया में आई खबरों में इंदौर के डीआईजी हरिनारायण मिश्र के हवाले से बताया गया है कि इस घटना में दोनों पक्षों को मिलाकर 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनके मुताबि कुल 4 एफआईआर अलग-अलग धाराओं में दर्ज की गई हैं. डीआईजी के मुताबिक मस्जिद पर चढ़े लोगों की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है.
इंदौर में रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार जावेद आलम कहते हैं कि इन घनटाओं के बाद भी मध्य प्रदेश का मुसलमान डरने वाला नहीं है. वह इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेगा. वो बताते हैं कि इन घटनाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी. इसको लेकर इंदौर में पुलिस को ज्ञापन दिया गया है. और इंदौर में ही एक बैठक भी हुई है.