उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कैसे बना उत्तर प्रदेश 'चिलम' सेवा आयोग
यूपी पीसीएस मेंस की परीक्षा स्थगित किए जाने के बाद गुरुवार रात किसी ने प्रयागराज में यूपीपीएससी के मुख्यालय पर लोक सेवा आयोग की जगह चिलम सेवा आयोग लिख दिया.
उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) के इलाहाबाद स्थित मुख्यालय पर एसटीएफ के छापे के बाद पीसीएस मेंस की परीक्षा स्थगति कर दी गई है. यह परीक्षा 17 जून से शुरू होने वाली थी.
पीसीएस मेंस की परीक्षा स्थगित किए जाने का छात्र बड़े पैमान पर विरोध कर रहे हैं. इसका राजनीतिकरण भी हो रहा है. गुरुवार रात कुछ छात्रों ने इलाहाबाद के सिविल लाइंस स्थित दफ्तर के साइन बोर्ड पर लिखे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज में लोक को मिटा कर 'चिलम' लिख दिया.
खबरों के मुताबिक इस आरोप में पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत में लिया है. ये छात्र समााजवादी पार्टी से जुड़े बताए जा रहे हैं.
यूपीपीसीएस 2018 की प्री परीक्षा पिछले साल हुई थी. इसमें करीब 5 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे. 30 मार्च को आए प्री के के नतीजों में 19608 छात्र-छात्राओं को सफल घोषित किया गया था.
परीक्षा स्थगित किए जाने की सूचना यूपीपीएससी ने अपनी बेवसाइट पर गुरुवार को दी.
एसटीएफ का छापा
इससे पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने यूपीपीएससी के मुख्यालय में छापा मारा था. छापेमारी एलटी ग्रेड के अध्यपकों की भर्ती परीक्षा 2018 के पेपर लीक मामले में की गई थी.
अंगरेजी के अखबार 'हिन्दुस्तान टाइम्स' से यूपीपीएससी के सचिव जगदीश ने परीक्षा स्थिगित किए जाने की पुष्टी भी की है. उन्होंने कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियों की वजह से पीसीएस मेंस की परीक्षा स्थगित करनी पड़ी. परीक्षा की नई तारिखों की घोषणा बाद में की जाएगी.
एसटीएफ ने कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमार कर को वाराणसी में गिरफ्तार किया था. कर ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि पेपर लीक कराने में यूपीएससी के कुछ अधिकारी शामिल थे. इस मामले में यूपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार और कौशिक के खिलाफ वाराणसी में मुकदमा दर्ज किया गया है.
परीक्षा पर राजनीति
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन विवादों के केंद्र में है. योगी सरकार ने अखिलेश यादव की सरकार में यूपीएससी के जरिए हुई भर्तियों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.
सरकार के आदेश पर सीबीआई उन परिक्षाओं की जांच कर रही है, जो अखिलेश यादव के शासनकाल में हुई थीं. सीबीआई ने यूपीएससी के मुख्यालय में छापा मारकर एक ट्रक कागजात जमा किए थे. इन कागजात को दिल्ली भेजा गया था. सीबीआई को पीसीएस-2015 और पीसीएस-2011 की परीक्षा में गड़बड़ियां मिली हैं.
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिलम मंत्री बताया था. उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर सीएम आवास से चिलम ढूंढी जाएगी.