चीन ने पहली बार दिखाई कोरोना वैक्सीन, कंपनी ने 90 फीसदी कर्मचारियों को लगाया टीका
चीन ने भी सोमवार को कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन पर से पर्दा उठा दिया. इस वैक्सीन को चीनी कंपनी Sinovac Biotech ने बानाया है और इसका नाम Coronavac रखा गया है.
चीन ने सोमवार को पहली बार कोरोना वायरस की वैक्सीन दुनिया के सामने पेश की. इस वैक्सीन का नाम 'कोरोनावेक' (Coronavac) है. जिसे चीनी कंपनी सिनोवेक बायोटेक (Sinovac Biotech) ने तैयार किया है. इसे पहली बार बीजिंग ट्रेड फेयर में लोगों को दिखाया गया है. फिलहाल इसे एक इंजेक्शन की तरह दिखाया गया है लेकिन कंपनी का कहना है कि ये बदल भी सकता है.
इसे बनाने वाली कंपनी Sinovac Biotech ने कहा कि इस साल के आखिर तक तीसरे चरण के ट्रायल पूरे होने पर उन्हें इसकी स्वीकृति मिल जाएगी. कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि वैक्सीन तैयार करने के लिए फैक्ट्री तैयार की जा चुकी है. इसकी मदद से एक साल में वैक्सीन के 30 करोड़ डोज तैयार किए जा सकेंगे. सिनोवेक बायोटेक के अलावा दूसरी चीनी फार्मा कम्पनी सिनोफार्म ने भी अपनी वैक्सीन को पेश किया है. सिनोफार्म के चेयरमैन के मुताबिक, वैक्सीन के दो डोज की कीमत 10 हजार रुपए से भी कम होगी.
सिनोवेक बायोटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव यिन का कहना है, कंपनी के 90 फीसदी कर्मचारी और उनकी फैमिली को हमारी वैक्सीन दी जा चुकी है. इसे इमरजेंसी प्रोग्राम के तहत उन्हें दिया गया है. इस प्रोग्राम की शुरुआत जुलाई में हुई थी हालांकि ट्रायल अभी भी जारी है. चीन की दोनों ही वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के तीसरे चरण में हैं.

चीनी मीडिया के मुताबिक ये इस साल के अंत तक बाजार में आ सकती हैं. सिनोवेक बायोटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव यिन का कहना है कि मैंने खुद पर अपनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया है. 600 वॉलंटियर्स पर हुए 'कोरोनावेक' के ट्रायल में साइड इफेक्ट बहुत कम दिखे हैं. इनमें वैक्सीन लगने के बाद थकान, बुखार और दर्द के हल्के लक्षण दिखे हैं.
कोविड-19 महामारी के खिलाफ संघर्ष में वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद संभवत: अपनी तरह के सबसे बड़े और तेज़ अभियान में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने घोषणा की है कि वह कोरोना वायरस के वैक्सीन की खरीद और आपूर्ति की अगुवाई करेगा और सुनिश्चित करेगा कि जब वैक्सीन उपलब्ध हों तो उसकी प्रारंभिक खुराकों तक सभी देशों की सुरक्षित, त्वरित और समतामूलक पहुंच हो.
यूनिसेफ दुनिया का सबसे बड़ा एकल वैक्सीन खरीदार है जो सालाना 100 देशों की ओर से नियमित टीकाकरण और संक्रमण रोकने के लिए दो अरब से ज्यादा टीकों की खरीद करता है.‘रिवॉल्विंग फंड ऑफ द पैन अमेरिका हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ (PAHO) के सहयोग से यूनिसेफ कोविड-19 के वैक्सीन की खरीदारी करेगा और ‘कोवैक्स ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी’ की तरफ से 92 निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों के लिए खुराक की आपूर्ति करेगा.
UNICEF ने शनिवार को ट्वीट किया था, "हम वैश्विक स्तर पर कोविड-19 टीके की आपूर्ति का नेतृत्व करने की एक बड़ी चुनौती के लिए तैयार हैं ताकि इस महामारी के सबसे खराब चरण को खत्म करने में मदद कर सकें."
यूनिसेफ ने बताया कि यह संगठन 80 उच्च आय वाले देशों की खरीद को समर्थन देने के लिए खरीद समन्वयक के रूप में भी काम करेगा. इन देशों ने कोवैक्स फैसिलिटी में हिस्सा लेने का इरादा जाहिर किया है और ये सभी अपने बजट से टीके का प्रबंध करेंगे.
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