रूस की कोरोना वैक्सीन पर अब अमेरिका के टॉप संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने जताया शक
रूस के वैक्सीन बना लेने के दावे पर अमेरिका से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को कहा कि वो रूस की कोविड-19 वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया की निगरानी कर रहा था. WHO ने कहा कि वायरस से निपटने में सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
रूस ने मंगलवार को कोरोना वायरस की सफल वैक्सीन बना लेने का ऐलान किया. हालांकि इसके बाद से ही रूस पर सवालों की बौछार हो गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर तमाम वैज्ञानिकों ने रूसी वैक्सीन को लेकर संदेह जाहिर किया है. अब अमेरिका के प्रमुख संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथोनी फाउची रूस के वैक्सीन बना लेने के ऐलान पर कहा कि उन्हें शक है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस पर काम करेगी.
एक सामूहिक चर्चा के दौरान एंथोनी फाउची ने कहा कि वैक्सीन बनाना और उस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी साबित करना दोनों अलग-अलग चीजें हैं. फाउची का ये बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस ऐलान के बाद आया है कि रूस दुनिया पहला ऐसा देश बन गया है जिसे कोविड-19 वैक्सीन की रेगुलेटरी मंजूरी मिली है. पुतिन का कहना है कि यह वैक्सीन अपने क्लिनिकल ट्रायल में कारगर साबित हुई है और कोरोना वायरस के खिलाफ ये शरीर में इम्यूनिटी बनाने में सफल रही है.
हालांकि रूस की इस वैक्सीन ने अपने तीसरे चरण का ट्रायल अभी पूरा नहीं किया है जिसकी वजह से इसके प्रभावी होने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संदेह जाहिर किया गया है. फाउची ने कहा कि उन्हें कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है जिससे पुतिन के कारगर वैक्सीन बना लेने के ऐलान पर भरोसा किया जा सके.

एंथोनी फाउची ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि रूस के लोगों ने निश्चित रूप से ये साबित किया होगा कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है. हालांकि मुझे संदेह है कि उन्होंने ऐसा किया होगा. अमेरिकियों को यह समझना चाहिए कि वैक्सीन की मंजूरी प्राप्त करने के लिए उसका सुरक्षित और प्रभावी साबित होना जरूरी है."
फाउची ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कोरोना वायरस की एक सुरक्षित वैक्सीन इस साल के अंत तक आ जाएगी. हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की गारंटी कभी नहीं दी जा सकती है.
रूस के वैक्सीन बना लेने के दावे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को कहा कि वह रूस की कोविड-19 वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया की निगरानी कर रहा था. WHO ने कहा कि वायरस से निपटने में सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए.

वहीं फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व कमिश्नर स्कॉट गॉटलीब ने भी एंथोनी फाउची के संदेह का समर्थन करते हुए कहा कि रूस महामारी पर कई फर्जी अभियान चला रहा है. गॉटलीब ने कहा, "उन्होंने पहले चरण के डेटा पर ही वैक्सीन को मंजूरी दे दी. ये सब बस अमेरिका पर एक दबाव डालने के लिए किया गया है."
रूस इसी महीने अपने स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 की वैक्सीन देने की योजना बना रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अक्टूबर के महीने में इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा.