स्वास्थ्य मंत्रालय का चौंकाने वाला बयान, कहा- देश में सभी लोगों को नहीं लगेगी कोरोना वैक्सीन
सरकार ने साफ किया है कि देश में सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगेगी. ICMR चीफ बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा कि पूरे देश का वैक्सीनेशन होगा.
अगर आप इस इंतजार में हैं कि कोरोना की वैक्सीन आने के बाद आप उसे लगवाएंगे तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि हो सकता है कि आपको वैक्सीन लगे ही नहीं. दरअसल देश में सभी लोगों को कोरोना का टीका नहीं लगेगा. सरकार ने मंगलवार को साफ किया कि उसने कभी नहीं कहा है कि पूरी जनसंख्या को टीका लगाया जाएगा. सिर्फ उतनी ही आबादी का टीकाकरण किया जाएगा, जिससे कोरोना संक्रमण की कड़ी टूट जाए.
स्वास्थ्य मंत्रालय की नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा, "मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है. यह जरूरी है कि ऐसे वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए."
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन वैक्सीन कितना प्रभावकारी है, उसपर निर्भर करेगा. हमारा उद्देश्य कोरोना ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है. अगर हम ख़तरे वाले लोगों को टीका लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में सफल रहे तो हमें शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़े.
#WATCH "Govt has never spoken about vaccinating the entire country," says Health Secretary Rajesh Bhushan
— ANI (@ANI) December 1, 2020
"If we're able to vaccinate critical mass of people & break virus transmission, then we may not have to vaccinate the entire population," ICMR DG Dr Balram Bhargava added. https://t.co/HKbssjATjH pic.twitter.com/egEB1TAiC9
सरकार ने ऑक्सफर्ड वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले तमिलनाडु के एक शख्स पर कथित दुष्प्रभाव से वैक्सीन की टाइमलाइन प्रभावित होने की आशंका को खारिज किया है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इससे टाइमलाइन प्रभावित नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जब भी क्लीनिकल ट्रायल स्टार्ट होते हैं तो जो वॉलंटियर इसमें हिस्सा लेते हैं वो पहले ही एक सहमति पत्र पर दश्तखत करते हैं. पूरी दुनिया में यही होता है. फॉर्म में वॉलंटियर को बताया जाता है कि ट्रायल में कुछ दुष्रप्रभाव भी हो सकते हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नवंबर में कोविड-19 संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या औसत मामलों से अधिक थी. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "आज भी दुनिया के बड़े देशों के मुकाबले भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मामले सबसे कम हैं. अनेक ऐसे देश हैं जहां पर भारत से प्रति दस लाख लोगों पर आठ गुना तक ज़्यादा मामले हैं. हमारी मृत्यु प्रति मिलियन दुनिया में सबसे कम है."
राजेश भूषण ने कहा, "नवंबर महीने में प्रतिदिन औसतन 43 हज़ार 152 कोविड -19 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, प्रतिदिन कोरोना से ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 47 हज़ार 159 थी." इनमें सबसे बड़ी बात यह कही गई कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में एक बार दोबारा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर लगाएं. साथ ही दूरी का खयाल रखें और बार-बार हाथ धोएं.