कोरोना वैक्सीन आने के बाद भी लंबे समय तक लगाना पड़ेगा मास्क- ICMR
मास्क की अहमियत बताते हुए डॉ भार्गव ने कहा कि ये संक्रमण को मात दे चुके लोगों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता हैं.
कोरोना काल से पहले खुला घूमने के आदी लोगों को अब फेस मास्क लगाकर घूमना पड़ रहा है और वो इससे निजात पाने के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संगठन (ICMR) के प्रमुख डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन आने के बाद भी फेस मास्क की जरूरत पड़ेगी और ये लंबे समय तक बने रहेंगे.
लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के एक वेबिनार में बोलते हुए डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि मास्क लंबे समय तक रहने वाले हैं क्योंकि ये वैक्सीन की तरह काम करते हैं. उन्होंने कहा, "मास्क कपड़े की वैक्सीन की तरह हैं. हम कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मास्क के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते. कोविड-19 को खत्म करने के लिए वैक्सीन काफी नहीं होगी. हमें स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन जारी रखना होगा."
मास्क की अहमियत बताते हुए डॉ भार्गव ने कहा कि ये संक्रमण को मात दे चुके लोगों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता हैं. उन्होंने कहा, "ऐसा भी हो सकता है कि मास्क कभी न जाएं. वैक्सीन कुछ सुरक्षा प्रदान करेंगी, लेकिन मास्क या कपड़े की वैक्सीन जारी रहेगी. मुझे नहीं लगता कि हम सोशल डिस्टेंसिंग समेत इन नियमों को खत्म कर सकते हैं."
वैक्सीन के संबंध में डॉ भार्गव ने कहा कि भारत इस मामले में तेजी से प्रगति कर रहा है. उन्होंने कहा कि अभी देश में पांच संभावित वैक्सीनों का ट्रायल चल रहा है, जिनमें से दो भारत की हैं, वहीं तीन विदेशी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का अगले साल जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन प्रदान करने का लक्ष्य है और आगे की रणनीति इसके बाद ही तय की जाएगी.
भारत की वैक्सीन उत्पादन क्षमता के बारे में बोलते हुए डॉ भार्गव ने कहा, "भारत सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि 60 फीसदी विकासशील देशों के लिए भी वैक्सीन बनाएगा. 24 मैन्युफैक्चिरिंग यूनिट्स और 19 कंपनियां कोविड-19 की वैक्सीन बनाने में लगेंगी."
भारत में अभी तक कोरोना संक्रमण के 93 लाख 92 हज़ार 919 मामले सामने आ चुके है. वहीं 1 लाख 36 हज़ार 696 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है. देशभर में अबतक 88 लाख 2 हज़ार 267 लोग कोरोना को मात देने में कामयाब रहे है. देश में कोरोना का रिकवरी रेट 93.71 फीसदी है.
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