अब ट्रेन में कोविड-19 नियमों को तोड़ा तो होगी जेल और लग सकता है जुर्माना!
कोरोना कहर के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को रेलवे द्वारा जारी किए गए इन नियमों का पालन करना होगा. अगर किसी ने रेलवे के नियमों के खिलाफ जाकर कोई कदम उठाया तो उसके खिलाफ आरपीएफ सख्त कार्रवाई कर सकती है.
कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे एक के बाद एक नई ट्रेनें शुरू करने का फैसला ले रहा है. इसी कड़ी में रेलवे ने त्योहारी सीजन को देखते हुए 392 स्पेशल ट्रेनें शुरू करने की घोषणा की है. एक तरफ रेलवे यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखकर लगातार निर्णय ले रहा है तो दूसरी तरफ उन्हें कोरोना वायरस से बचाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन भी कर रहा है. इसी क्रम में रेलवे ने त्योहारों में बढ़ी हुई मांग को देखते हुए सख्त यात्रा नियम जारी किए हैं. साथ ही हिदायत दी है कि कोई इन निमयों को तोड़ेगा तो उसे जेल जाना पड़ सकता है. साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) ने फेस्टिव सीजन की शुरुआत से पहले यात्रियों के लिए कोविड-19 की गाइडलाइन जारी की हैं. RPF ने ये दिशानिर्देश कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जारी किए हैं, क्योंकि फेस्टिव सीजन के दौरान ट्रेनों में यात्रियों की संख्या सामान्य से काफी ज्यादा होने की उम्मीद रहती है. लिहाजा भीड़भाड़ को ध्यान में रखते हुए ही रेलवे की ओर से यात्रियों के लिए कोविड गाइडलाइन जारी हुई हैं.
रेलवे ने साफ किया है कि मास्क नहीं पहनने, कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों पर रेल अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. इतना ही नहीं उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. नियम तोड़ने पर यात्री को कैद की सजा भी हो सकती है.
रेलवे पुलिस फोर्स के सख्त दिशानिर्देशों में कहा गया है कि रेल परिसर में मास्क नहीं पहनने या सही तरीके से नहीं पहनने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं लोगों से कहा गया है कि वो सोळ डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन करें.
आरपीएफ के दिशानिर्देशों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति संक्रमित होने की पुष्टि होने या टेस्ट रिपोर्ट लंबित रहने के दौरान रेल क्षेत्र में या स्टेशन पर आने या ट्रेन में सवार होने या स्टेशन पर हेल्थ टीम की ओर से यात्रा की मंजूरी नहीं दिए जाने पर भी ट्रेन में सवार होता है तो उसे जेल जाना पड़ सकता है. इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर थूकना भी अपराध माना जाएगा.
स्टेशन परिसर और ट्रेनों में गंदगी फैलाने या जनस्वास्थ्य व सुरक्षा को प्रभावित करने वाली गतिविधियों करते हुए पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं रेल प्रशासन की ओर से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जारी किसी दिशानिर्देश का पालन नहीं करने पर भी सख्त कार्रवाई होगी.
रेलवे पुलिस फोर्स ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को बढ़ाने वाली गतिविधियों से किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. इसलिए संबंधित व्यक्ति को रेल कानून की धारा-145, 153 और 154 के तहत सजा दी जा सकती है.
रेल अधिनियम की धारा-145 (नशे में होना या उपद्रव करना) के तहत एक महीने तक की कैद हो सकत है. वहीं धारा-153 (जानबूझ कर यात्रियों की सुरक्षा को ख़तरे में डालना) के तहत जुर्माना और पांच साल तक की कैद हो सकती है. धारा-154 (लापरवाही से सहयात्रियों की सुरक्षा को ख़तरे में डालना) के तहत एक साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.