क्या कोरोना वैक्सीन ट्रायल की जानकारियां छिपा रहीं कंपनियां, वैज्ञानिकों ने किया अलर्ट
दुनिया में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के चलते वैक्सीन निर्माण में तेज़ी आ गई है. इस बीच कई वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियां कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर कुछ छिपा रही है.
दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में लोग कोरोना पर काबू पाने के लिए वैक्सीन (Coronavirus vaccine) के इंतजार में बैठे हैं. लेकिन फिलहाल ट्रायल फेज में चल रही किसी वैक्सीन से ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही है. इस सब के बीच खबर है कि क्या वैक्सीन निर्माता कंपनियां कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर कुछ छिपा रही हैं?
दुनियाभर के कई वैज्ञानिकों और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये कंपनियां ट्रायल में पूरी पारदर्शिता नहीं रख रहीं. ख़ासतौर से जब सुरक्षा कारणों के चलते वैक्सीन का ट्रायल रुकता है, तो कंपनियां यह बताने से मना कर रही हैं कि किस वजह से उन्हें यह फैसला लेना पड़ा.
हाल ही में एस्ट्रेजनेका (AstraZeneca) ने एक शख्स के गंभीर न्यूरोलॉजिकल लक्षण डेवलप करने पर वैक्सीन का ट्रायल रोका दिया था. लेकिन एक बार फिर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. शनिवार को कंपनी ने कहा कि एक बाहरी पैनल से ब्रिटेन में ट्रायल को क्लियरेंस दे दिया है. लेकिन कंपनी ने न तो मरीज की हालत के बारे में कुछ बताया, न ही पैनल की रिपोर्ट सामने रखी.

ऐसा ही कुछ अमेरिकन कंपनी फाइजर (Pfizer) ने भी शनिवार को किया. कंपनी हजारों वालंटियर्स पर अपनी वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल करने जा रही है लेकिन बहुत कम जानकारी सामने रखी.
पिछले हफ्ते एस्ट्रेजनेका और फाइजर समेत नौ फार्मा कंपनियों ने कहा कि वह पूरी तरह से तफ्सीस किए बिना कोरोना की वैक्सीन लॉन्च नहीं करेंगी. लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि उनके साझा बयान में रिसर्च के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने का वादा नहीं है.
अमेरिका में तीन कंपनियों- एस्ट्रेजनेका, माडर्ना और फाइजर के वैक्सीन एंडवांस्ड ट्रायल्स में हैं. इन तीनों ने ट्रायल्स के प्रोटोकॉल्स और एनालिसिस प्लान सामने रखा है. इन तीनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्होंने बहुत सारी डीटेल्स सार्वजनिक की हैं.

वैक्सीन निर्माता कंपनियों के इस रवैये से एक्सपर्ट्स थोड़े से खफा है. न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में येल यूनिवर्सिटी में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ हरलैन क्रमहोज ने कहा, "भरोसे की सप्लाई जरा कम है और वे (फार्मा कंपनियां) जितना बताएंगे, हम उतना ही बेहतर हो पाएंगे."
वहीं फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बुर्ला का कहना है कि अमेरिका में इस साल के आखिर तक वैक्सीन लॉन्च कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी उस हालात के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि फाइजर और बायोएनटेक की साझा वैक्सीन 'सेफ' है और अमेरीकियों को 2021 से पहले हासिल हो सकती है.
एस्ट्रेजनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बनाई है और क्लियरेंस के बाद कंपनी ने ब्रिटेन में फिर से ट्रायल शुरू कर दिए थे. अब जापान में भी इंसानों पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मिलने के बाद, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया भी देश में इस टीके का ट्रायल दोबारा शुरू करेगी.
Related Stories
पहले टेस्ट में सफल रही अमेरिकी कोरोना वैक्सीन, इम्युन रिस्पॉन्स पैदा करने में कामयाब
इस कोरोना वैक्सीन को मिली बड़ी कामयाबी, वायरस तो रोका ही ट्रांसमिशन भी किया कम
रूस ने बनाई दूसरी कोरोना वैक्सीन, कोई साइड इफेक्ट नहीं होने का किया दावा
बिना ट्रायल एक महीने पहले से अपने लोगों को कोरोना की वैक्सीन दे रहा चीन