भारत में होगा रूस की वैक्सीन का ट्रायल, रूस की कंपनी के साथ हुआ Dr Reddy's का करार
रूस ने कोरोना वायरस का पहला टीका Sputnik V बनाने का दावा किया था. इस वैक्सीन का भारत में क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा. अगर इसका ट्रायल सफल होता है तो यह नवंबर तक भारत में उपलब्ध होगी.
रूस की कोरोना वैक्सीन को भारत में बेचने के लिए भारत की बड़ी फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज (Dr Reddy's) के साथ डील हो गई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूस का सॉवरेन वेल्थ फंड (Sovereign Wealth Fund) आरडीआईएफ (RDIF-Russian Direct Investment Fund)ने भारत में कोरोनावायरस की वैक्सीन Sputnik V के क्लीनिकल ट्रायल और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए डॉ. रेड्डीज लैब से हाथ मिलाया है.
दोनों कंपनियों के बीच हुए समझौते के मुताबिक RDIF भारतीय कंपनी को वैक्सीन की 10 करोड़ डोज की सप्लाई करेगी. इसके लिए भारत की ओर सभी रेग्युलेटरी मंजूरी मिल गई है. इस खबर के बाद डॉ रेड्डीज के शेयर में जोरदार तेजी आई. बुधवार को कंपनी का शेयर 4.36 फीसदी की बढ़त के साथ 4637 रुपये के भाव पर बंद हुआ.
RDIF के सीईओ Kirill Dmitriev ने कहा कि Sputnik V वैक्सीन एडिनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित है और अगर इसका ट्रायल सफल होता है तो यह नवंबर तक भारत में उपलब्ध होगी. RDIF की साथ ही चार अन्य भारतीय कंपनियों के साथ भी बातचीत चल रही है जो भारत में यह वैक्सीन बनाएंगी.

RDIF ने एक बयान में कहा कि उसके और डॉ. रेड्डीज के बीच हुआ समझौता इस बात का प्रमाण है कि अलग देशों और संस्थाओं के बीच यह समझ बढ़ रही है कि कोरोना वायरस के लोगों को बचाने के लिए कई वैक्सीन पर काम करना जरूरी है. कंपनी ने कहा कि रूसी वैक्सीन एडिनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित है और दशकों तक इस पर 250 से अधिक क्लिनिकल स्टडीज हो चुकी हैं. इसे सुरक्षित पाया गया है और इससे लंबे दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले हैं.
डॉ. रेड्डीज के सीईओ जीवी प्रसाद ने एक बयान में कहा कि इस वैक्सीन के फेस 1 और फेस 2 ट्रायल के नतीजे उत्साहजनक रहे हैं और भारतीय नियामकों के मानकों को पूरा करने के लिए हम भारत में इसका फेज 3 ट्रायल करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में Sputnik V वैक्सीन विश्वसनीय विकल्प हो सकती है.
रूस 11 अगस्त को कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था. यह वैक्सीन अगले साल एक जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी. वैक्सीन को गामालेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा बनाया गया है. यह मॉस्को के पास स्थित एक चिकित्सा संस्थान है. वैक्सीन की तरफ सफलता मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा था कि रूस अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने के बाद अन्य देशों को वैक्सीन की पेशकश करेगा.
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