कोरोना वैक्सीन के लिए बच्चों को अभी करना होगा एक साल का इंतजार, ये है वजह
अमेरिका में एमोरी वैक्सीन सेंटर के निदेशक डॉ रफी अहमद का कहना है कि फिलहाल बच्चों को टीके नहीं लगाए जाएंगे क्योंकि वे ट्रायल्स का हिस्सा नहीं हैं. दवा कंपनियों में से कुछ ने बच्चों पर अलग ट्रायल की योजना बनाई है.
दुनियाभर में एक बार फिर तेज़ी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता दिखाई दे रहा है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अब वैक्सीन को लेकर भी चर्चा जोर पकड़ती जा रही है. कई वैक्सीन कंपनियों को टीके के आपात इस्तेमाल की अनुमति भी मिल गई है. एक अनुमान के मुताबिक ये साल बीतने तक लाखों वयस्क लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जा चुका होगा. लेकिन बच्चों को अभी भी वैक्सीन के लिए लंबा इंतजार करना होगा.
बच्चों में वैक्सीन की देरी की सबसे बड़ी वजह ये है कि उन्हें इसके ट्रायल में शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में ये वैक्सीन बच्चों के लिए कितनी सुरक्षित है इसके बारे में दवा कंपनियों को अभी जानकारी नहीं है. दवा कंपनियां कोरोना वैक्सनी बाजार में आने के बाद बच्चों के लिए भी ट्रायल शुरू करेंगी. हालांकि, ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को इस विकल्प के साथ अनुमति दी जा चुकी है कि आपातकालीन स्थिति में बच्चों का भी टीकाकरण किया जा सकता है.
अमेरिका में एमोरी वैक्सीन सेंटर के निदेशक डॉ रफी अहमद का कहना है कि फिलहाल बच्चों को टीके नहीं लगाए जाएंगे क्योंकि वो ट्रायल्स का हिस्सा नहीं हैं. दवा कंपनियों में से कुछ ने बच्चों पर अलग ट्रायल की योजना बनाई है. हमें ये भी पता नहीं है जो वैक्सीन तैयार की गई है बच्चों के लिए कितनी सुरक्षित है. दवा कंपनियों में से कुछ ने बच्चों पर अलग ट्रायल शुरू करने की योजना बनाई है.
वैक्सीन निर्माता फाइजर और मॉडर्ना ने हाल ही में बच्चों पर भी कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है. बच्चों पर किया जाने वाले ट्रायल वयस्कों से काफी अगल और कठिन होता है. इस ट्रायल के तहत दवा कंपनियों को लंबी सुरक्षा अवधि, सही सुरक्षा मापदंड और वैक्सीन के दो ट्रायल के बीच के अंतर की सही तरीके से जांच करनी होती है. ताकि बच्चों कपर वैक्सीन के बेहतर नतीजों का प्रयोग किया जा सके. इस प्रक्रिया में लगभग एक साल लगने की उम्मीद है.
संभावित वैक्सीन के ज्यादातर निर्माताओं ने 16 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के लोगों का नामांकन किया है. हालांकि, फाइजर ने अपने कुछ ट्रायल्स में 12-15 साल की उम्र के बच्चों को भी शामिल किया है.