मुंबई एयरपोर्ट पर शुरू हुई वैक्सीन के परिवहन और प्रबंधन की तैयारियां, जल्द बनेगी टास्क फोर्स
CSMIA के प्रवक्ता ने इंतजामों की जानकारी देते हुए कहा कि एयरपोर्ट पर मौजूदा व्यवस्थाओं के अलावा अतिरिक्त चार्टर विमानों के लिए तय किए जाने वाले विशेष स्लॉट भी वैक्सीन को लाने-ले जाने में अहम होंगे.
भारत समेत दुनिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. ऐसे में लोगों की उम्मीद कोरोना वैक्सीन पर टिकी है. वहीं ट्रायल के नतीजों का ऐलान होने के साथ ही अलग-अलग कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसे देखते हुए मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) ने एक टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया है. यह टास्क फोर्स एयरपोर्ट और ग्राहकों, नियामकीय और सरकारी संस्थाओं आदि शेयरधारकों के बीच सेतु का काम करेगी. इसका काम वैक्सीन के परिवहन की योजना से लेकर शेयरधारकों के बीच समन्वय बनाना भी होगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ यह टास्क फोर्स कम तापमान वाले स्टोर वाले का प्रबंधन भी करेगी. साथ ही यह नियामकीय संस्थाओं से जरूरी मंजूरी लेकर वैक्सीन के परिवहन में लगने वाले समय को कम करने के लिए काम करेगी. बताया जा रहा है कि टास्क फोर्स उत्पादन संयंत्र से लेकर लोगों को लगाने तक के रास्ते में वैक्सीन को ले जाने के लिए कोल्ड चेन की व्यवस्था भी देखेगी.
इसके अलावा मुंबई एयरपोर्ट पर हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे चलने वाला कस्टरम केयर सर्विस सेंटर भी बनाया जाएगा. सेंटर से भारत से आयात-निर्यात होने वाली वैक्सीन से संबंधित सारे सवालों के जवाब प्राप्त किए जा सकेंगे. CSMIA के प्रवक्ता ने इंतजामों की जानकारी देते हुए कहा कि एयरपोर्ट पर मौजूदा व्यवस्थाओं के अलावा अतिरिक्त चार्टर विमानों के लिए तय किए जाने वाले विशेष स्लॉट भी वैक्सीन को लाने-ले जाने में अहम होंगे.

मुंबई एयरपोर्ट से ही देश में सबसे बड़ी संख्या में वैक्सीन लाई और भेजी जाती है. इसके चलते यहां पर कोल्ड स्टोरेज के लिए पहले से व्यवस्था मौजूद है. यह वैक्सीन को स्टोर करने और आगे भेजने में अहम भूमिका निभाएगी.
प्रवक्ता ने बताया कि 4,000 वर्ग किलोमीटर में बने एयरपोर्ट में 140 (ULD) स्टोरेज पॉजीशन और एक्टिव कंटेनर को चार्ज करने के लिए 50 पावर आउटलेट्स हैं. इसके साथ ही एयरपोर्ट पर छह ट्रक डॉक्स, ULD एग्जिट के लिए दो गेट, दो एक्सरे मशीन, 2-8 डिग्री तापमान वाले छह कोल्ड चैंबर, CCTV सर्विलांस और पावर बैकअप समेत कई सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां 3.5 लाख टन की सालाना क्षमता वाला एशिया का सबसे बडा तापमान नियंत्रण केंद्र है.
कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए चल रही वैक्सीन की खोज अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. मॉडर्ना, फाइजर और एस्ट्राजेनेका कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के ट्रायल के नतीजे घोषित कर दिए हैं. अधिकतर वैक्सीन अभी तक महामारी से बचाव में 90 फीसदी से अधिक प्रभावी पाई गई है. ऐसे में उम्मीद जगी है कि दुनिया जल्द ही कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में जीत हासिल कर लेगी.
वैक्सीन उपलब्ध होने के लंबे होते इंतजार के बीच दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 6 करोड़ 28 लाख मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 14 लाख 61 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.