ब्रिटेन ने Pfizer की कोरोना वैक्सीन को दी मंजूरी, अगले हफ्ते से शुरू होगा टीकाकरण
Pfizer और उसके जर्मन पार्टनर BioNTech ने कुछ समय पहले ऐलान किया था कि अंतिम ट्रायल्स में उसकी वैक्सीन 95 फीसदी तक कारगर साबित हुई है.
ब्रिटेन ने फाइजर और बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) की कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. इसी के साथ अमेरिका और यूरोपीय संघ के फैसले से पहले फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला यूनाइटेड किंगडम पहला पश्चिमी देश बन गया है. यह वैक्सीन अगले हफ्ते से ब्रिटेन में उपलब्ध होगी.
ब्रिटेन के चिकित्सा नियामक, मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) से फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन का आकलन कर इसे मंजूरी दे दी है. ये एजेंसी यह भी निर्धारित करने की प्रक्रिया में है कि क्या ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कठोर सुरक्षा मानकों को पूरा करती है या नहीं.
जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) कर्मियों को 7 दिसंबर से टीका लगाने की शुरुआत की जा सकती है. ब्रिटेन ने फाइजर और बायोएनटेक की दो-शॉट वाली वैक्सीन की चार करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया हुआ है.
BREAKING: The Pfizer/BioNtech vaccine has been approved for use in the UK by the Medicines and Healthcare Products Regulatory Agency. More details on #BBCBreakfast. ⁰https://t.co/KnCfNuSBth pic.twitter.com/zvrVrdgHnm
— BBC Breakfast (@BBCBreakfast) December 2, 2020
रिपोर्ट के मुताबिक, फाइजर के चेयरमैन और सीईओ, एलबर्ट बुर्ला ने इस पल को एतिहासिक बताते हुए कहा, "UK में आज इमरजेंसी उपयोग की अनुमति, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक क्षण है. हम MHRA की सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और ब्रिटेन के लोगों की सुरक्षा में मदद करने के लिए समय पर कार्रवाई करने की उनकी क्षमता की सराहना करते हैं."
ब्रिटेन के मंत्री नादिम जहावी के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है और फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित वैक्सीन को प्राधिकरण की मंजूरी मिलती है तो उसके कुछ ही घंटों में वैक्सीन का वितरण और टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा.
फाइजर और उसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक ने कुछ समय पहले ऐलान किया था कि अंतिम ट्रायल्स में उसकी वैक्सीन 95 फीसदी तक कारगर साबित हुई है. कंपनी ने कहा, "प्राथमिक विश्लेषण से पता चलता है कि वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर यह अपना प्रभाव दिखाने लगता है. ट्रायल के दौरान कोविड-19 के 170 पुष्ट मामलों का मूल्यांकन किया गया." इस स्टडी में 43,538 प्रतिभागी शामिल थे, जिनमें से 42 फीसदी ऐसे लोग थे जिन्होंने कोरोना वायस के लिहाज से ज्यादा एहतियात नहीं बरते थे. इस संबंध में और आंकड़े जुटाए जाने बाकी हैं.

फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ डॉ अल्बर्ट बोरला ने कहा था कि यह विज्ञान और मानवता के लिए बड़ा दिन है. तीसरे चरण के ट्रायल के परिणामों के पहले सेट से यह स्पष्ट होने लगा है कि कोरोना वायरस से लड़ने में हमारी वैक्सीन कारगर है. हम वैक्सीन तलाशने में नया आयाम स्थापित कर रहे हैं. यह समय ऐसा है जब कोरोना वायरस वैक्सीन की जरूरत पूरे विश्व को है.
इस वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के अल्ट्रा-कोल्ड तापमान में स्टोर करना पड़ता है. हालांकि, कंपनी का ये भी कहना है कि इसे पांच दिनों तक फ्रिज मं 2-8 डिग्री सेल्सियस पर भी स्टोर किया जा सकता है. कंपनी का कहना है कि उनके कंबाइन्ड नेटवर्क में 2020 में 50 मिलियन तक वैक्सीन की खुराक और 2021 के आखिर तक 1.3 बिलियन खुराक तक आपूर्ति करने की क्षमता है.