डबल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक कोरोना मरीजों में से लगभग 15 फीसदी मरीज गंभीर निमोनिया की चपेट में आते हैं और उन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है.
कोरोना वायरस दुनियाभर के कई देशों तबाही मचा रहा है. इसका कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, बल्कि दिन पर दिन संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ते जा रहा है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक करोड़ के क़रीब पहुंचने वाली है. इसके चलते दुनिया ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर (ऑक्सीजन देने वाली मशीन) की कमी से जूझ रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस ऐडहनॉम गब्रीयसोस ने एक प्रेस कॉफ्रेंस में कहा है, "कई देश अब ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर (मशीन) की कमी से जूझ रहे हैं. इस समय इस मशीन की मांग आपूर्ति से ज़्यादा हो गई है."
उन्होंने कहा, "अब तक दुनिया में 93 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 4.80 लाख लोगों की जान जा चुकी है. हर हफ्ते दस लाख नए लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो रही है. इसकी वजह से प्रतिदिन 88 हज़ार बड़े ऑक्सीजन सिलिंडर और 6.20 लाख क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ रही है."

संक्रमण के मामलों में अचानक आई तेज़ी की वजह से ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर की कमी पड़ गई है जिससे कोविड-19 से जूझ रहे मरीजों को सांस लेने के लिए जरूरत होती है.
ट्रेडॉस ने बताया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक 14 हज़ार ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर खरीद लिए हैं और उन्हें आने वाले हफ्तों में 120 देशों में भेजने की योजना है. इसके साथ ही अगले छह महीनों में 1.70 कंस्नट्रेटर, जिनकी कीमत 10 करोड़ डॉलर होगी मिलने की संभावना है.
डबल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक कोरोना मरीजों में से लगभग 15 फीसदी मरीज गंभीर निमोनिया की चपेट में आते हैं और उन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी से जूझ रहे गरीब देशों में ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में मरीज दम तोड़ रहे हैं. अफ्रीका, लातिन अमेरिका और दक्षिण एशिया के कई देशों में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरणों की भारी कमी है, जो फेफड़े फेल होने की सूरत में जान बचाने में काफी अहम होते हैं.

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन टीम के प्रमुख डॉक्टर माइक रियान ने कहा है कि कई लातिन अमेरिकी देशों में महामारी अभी भी अपना कहर ढा रही है और इस क्षेत्र में मरने वालों की संख्या एक लाख के पार चली गई है. कई देशों में पिछले हफ्ते में 25 से 50 फीसदी की बढ़त देखी गई है.
माइक रियान कहते हैं कि उनके मुताबिक अमेरिका में अब तक पीक नहीं आया है और आने वाले दिनों में भी संक्रमित होने वाले और मरने वालों लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका है.