IPL से पहले मुंबई इंडियंस के इस खिलाड़ी ने मचाया धमाल, 45 गेंदों में जड़ दिया ताबड़तोड़ शतक
आईपीएल से पहले ऐसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर मुंबई इंडियंस के सूर्यकुमार ने अपनी फॉर्म दिखा दी है. वहीं अपनी इस पारी के जरिए सूर्यकुमार ने फिर से टीम इंडिया का दरवाजा खटखटाया है.
आईपीएल 2020 शुरू होने में अब एक महीने का ही वक्त बचा है. 29 मार्च को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग का उद्घाटन मैच मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेला जाएगा. उससे पहले मुंबई इंडियंस के जिस स्टार खिलाड़ी ने अपने बल्ले से धमाल मचा दिया है वो है सूर्यकुमार यादव. दाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्यकुमार ने 45 गेंदों में शतक जड़कर कोहराम मचा दिया है.
सूर्यकुमार ने गुरुवार को डीवाई पाटिल टी20 टूर्नामेंट में बीपीसीएल की ओर से सेंट्रल रेलवे के खिलाफ 45 गेंद में शतक जड़ दिया. सूर्यकुमार ने 45 गेंदों में 7 चौके और 8 छक्के लगाकर अपना शतक पूरा किया. उन्होंने 54 गेंदों की अपनी तूफ़ानी पारी में 7 चौके और 10 छक्के की मदद से 117 रन बनाए. जबकि 24 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया था.
आईपीएल से पहले ऐसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर मुंबई इंडियंस के सूर्यकुमार ने अपनी फॉर्म दिखा दी है. वहीं अपनी इस पारी के जरिए सूर्यकुमार ने फिर से टीम इंडिया का दरवाजा खटखटाया है. हालांकि लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद वो भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल नहीं हो पाएं हैं. उनकी लगातार अनदेखी की वजह से ही हरभजन सिंह कई बार चयनकर्ताओं पर भड़क भी चुके हैं.

श्रीलंका के खिलाफ टी20 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में सूर्यकुमार को नहीं चुनने पर हरभजन ने हैरानी जताते हुए कहा था, “आखिर उसने गलत क्या किया है? सूर्यकुमार दूसरे खिलाड़ियों की तरह ही रन बना रहे हैं जो कि इंडिया ए और इंडिया बी के लिए चुने जा रहे हैं. अलग खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग नियम क्यों?”
इससे पहले भी हरभजन सिंह सूर्यकुमार का समर्थन करते दिखे हैं. पिछले साल नवंबर में हरभजन ने कहा था कि वह उन्हें इंडिया के लिए खेलते हुए देखना चाहते हैं. हरभजन सिंह ने सूर्यकुमार को टीम इंडिया का दरवाजा खटखटाने की बजाय तोड़ने की सलाह तक दे डाली थी. हरभजन ने ट्वीट कर कहा था, “मैं उन्हें इंडिया के लिए खेलते हुए देखना चाहता हूं. दरवाजा खटखटाते रहें (टीम में जगह के लिए) लेकिन शायद अब समय है कि दरवाजा ही तोड़ दिया जाए."