दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहेंगे किसान, बैठक खत्म होने के बाद बुराड़ी ग्राउंड जाने को नहीं तैयार
केंद्र के नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाज़त मिल गई है. हालांकि, किसान अब भी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं.
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाज़त मिल गई है. हालांकि, किसान अब भी सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर डटे हुए हैं. आंदोलन कर रहे किसान शनिवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर जमा हुए और बैठक की. इसमें उन्होंने प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में स्थान निर्धारित करने के बावजूद सीमा पर ही विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया. टिकरी बॉडर पर मौजूद किसानों का भी प्रदर्शन जारी है.
हालांकि, निर्धारित स्थल पर जाने को लेकर उन्होंने जल्द फैसला करने की बात कही. एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंघु बॉडर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे.
भारतीय किसान यूनियन, पंजाब के महासचिव हरिंद्र सिंह ने कहा कि सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक खत्म हो गई. हमने प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया है. हम कहीं और नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम हर रोज सुबह 11 बजे बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.
#UPDATE | Farmers' meeting ends at Delhi-Haryana border at Singhu. "It has been decided that we'll continue our protest here & will not go anywhere else. We will meet at 11 am every day to discuss our strategy," says Harinder Singh General Secretary, Bhartiya Kisan Union, Punjab. https://t.co/tw301fhh0U pic.twitter.com/Mt4DFh7rgA
— ANI (@ANI) November 28, 2020
वहीं किसान यूनियन के पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह का कहना है सरकार जब तक हमारी मांगें नहीं मानती, काले कानून वापस नहीं लेती, एमएसपी को लेकर चीजें साफ नहीं करती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को मैदान में प्रदर्शन की अनुमति दे दी. इस बीच कई किसान हरियाणा के सोनीपत जिले से लगती दिल्ली की सीमा पर जमा हैं और वे रात में वहीं रूकेंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश देने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन की अनुमति का स्वागत किया.
भले ही पुलिस ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में जाने की अनुमति दे दी हो, लेकिन वे बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने से इनकार कर रहे हैं. किसानों से कहा गया है कि वे केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित मैदान में प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि वे हरियाणा में फंसे किसानों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. कई किसानों का कहना है कि वे या तो रामलीला मैदान जाना चाहते हैं या प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाना चाहते हैं.
#WATCH A meeting of farmers from Punjab underway at Singhu border (Delhi-Haryana) as they continue their protest here
— ANI (@ANI) November 28, 2020
Delhi Police yesterday gave permission to farmers to hold their demonstrations at the Nirankari Samagam Ground in Delhi's Burari area pic.twitter.com/1t4OoVITCQ
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि किसान आंदोलन को पंजाब के किसानों ने खड़ा किया है, इस आंदोलन को किसानों की बजाए राजनीतिक दलों और संस्थाओं ने प्रायोजित किया है. हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में भागीदारी नहीं की है.
दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का स्वागत ‘अतिथि’ के तौर पर करते हुए उनके खाने, पीने और आश्रय का बंदोबस्त किया. राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न प्रवेश बिंदुओं से हजारों किसानों को प्रवेश करने और उत्तरी दिल्ली के मैदान में कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन की अनुमति दी गई है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने चार तस्वीरें ट्वीट कर सरकार को घेरा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है. मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं. दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?"
भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 28, 2020
जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है।
मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं।
दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत? pic.twitter.com/rm7CFmaWAL
वहीं विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस की कार्रवाई के पर राहुल गांधी ने सरकार ने निशाना साधा है. राहुल ने ट्विटर पर लिखा, "अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना अपराध नहीं, कर्तव्य है. मोदी सरकार पुलिस की फ़र्ज़ी FIR से किसानों के मज़बूत इरादे नहीं बदल सकती. कृषि विरोधी काले क़ानूनों के ख़त्म होने तक ये लड़ाई जारी रहेगी. हमारे लिए ‘जय किसान’ था, है और रहेगा!"
अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना अपराध नहीं, कर्तव्य है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2020
मोदी सरकार पुलिस की फ़र्ज़ी FIR से किसानों के मज़बूत इरादे नहीं बदल सकती।
कृषि विरोधी काले क़ानूनों के ख़त्म होने तक ये लड़ाई जारी रहेगी।
हमारे लिए ‘जय किसान’ था, है और रहेगा! pic.twitter.com/EZWxMpIoJc
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अलग-अलग राज्यों से आए किसानों को दिनभर के प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में निरंकारी समागम ग्राउंड पर प्रदर्शन की इजाजत मिली है. किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसानों को डर है कि इन कानूनों से मंडियां बर्बाद हो जाएंगी और MSP सिस्टम पर भी संकट आ सकता है.