कोरोना वैक्सीन डेवलप कर रही कंपनियों के दौरे पर भारत पहुंचे 64 देशों के राजनयिक
हैदराबाद में तैयार हो रही कोवैक्सिन (Covaxin) का निर्माता भारत बायोटेक है. यह वैक्सीन स्वदेशी है. वहीं, बायोलॉजिकल ई, जॉनसन एंड जॉनसन के जॉनसन फार्मास्युटिका NV के साथ मिलकर काम कर रही है.
भारत में विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन के लिहाज से आज काफी अहम दिन है क्योंकि आज कई देशों से कुल 64 राजदूत और उच्चायुक्त हैदराबाद की उन दो कंपनियों के दौरे पर पहुंचे हैं, जो भारत में कोरोनावायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन विकसित कर रही हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय आज 64 देशों के विदेश मिशनों के प्रमुखों को लेकर भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई पहुंचा है. ये दोनों कंपनियां कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' पर काम कर रही है. राजनयिकों को वैक्सीन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों की ओर से अब तक हुई प्रगति के बारे में बताया जा रहा है.
Telangana: Foreign envoys take a tour of Bharat Biotech facility in Hyderabad where #COVID19Vaccine, Covaxin is being developed. pic.twitter.com/dGtktEMV8v
— ANI (@ANI) December 9, 2020
ऐसा पहली बार है, जब भारत में विकसित हो रही कोरोना वैक्सीन की जानकारी लेने के लिए विदेशी अधिकारी आए हैं. विदेशी अधिकारियों के वीआईपी दौरे के पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हैदराबाद समेत तीन वैक्सीन निर्माता कंपनियों का दौरा किया था. इनमें हैदराबाद का भारत बायोटेक, अहमदाबाद का जायडस बायोटेक पार्क और पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का नाम शामिल है. इस दौरान उन्होंने वैक्सीन प्रक्रिया को लेकर जानकारी भी हासिल की थी. पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले उम्मीद जताई थी कि आने वाले कुछ दिनों में वैक्सीन तैयार हो सकती है.
Telangana: The 64 foreign envoys seated for briefing, at Bharat Biotech in Hyderabad. They are being briefed by Dr Krishna Ella, Chairman & Managing Director of Bharat Biotech International Limited.#COVID19 https://t.co/Oq6o7U8N7b pic.twitter.com/cmot8mGpo0
— ANI (@ANI) December 9, 2020
भारत बायोटेक उन तीन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत सरकार से आपातकालीन इस्तेमाल के लिए कोरोना वैक्सीन की मंजूरी मांगी है. भारत बायोटेक के अलावा सीरम इंस्टिट्यूट और फाइजर इंडिया ने भी सरकार को आवेदन दिया. भारत बायोटेक के टीके का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है, जिसमें 25 हजार वॉलंटियर्स शामिल हैं.
वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कंपनी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई वैक्सीनके इस्तेमाल की अनुमति मांगी है. कंपनी ने वैक्सीन को लोगों के हित में और चिकित्सा जरूरतों की पर्याप्त पूर्ति नहीं होने का हवाला देते हुए अनुमति देने का आग्रह किया है.
ICMR के मुताबिक, इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन की 4 करोड़ खुराक पहले ही निर्मित कर चुका है और डीसीजीआई से इसे स्टोर करने का लाइसेंस भी ले चुका है. कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि पुणे स्थित SII भारत को पहले वैक्सीन देने को लेकर ध्यान केंद्रित करेगी.
इधर, फाइजर इंडिया को भारत में आपातकालीन स्थिति में कोरोना वैक्सीन इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है. भारत में कोरोना वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के डीसीजीआई से मंजूरी मिलने के बाद यह देश की पहली दवा फर्म बन गई है ,जो अब कोरोना वैक्सीन का आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल कर सकती है.