उत्तर प्रदेश : राजपूत प्रधान ने दी धमकी, 'चमार' हो, 'चमार' की तरह रहो, राजा बनने की कोशिश मत करो
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक गांव में जब एक दलित युवा ने ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ने की घोषणा की तो सवर्ण ग्राम प्रधान ने टेलीफोन कर दी यह धमकी.
उत्तर प्रदेश में अभी पंचायत चुनाव की घोषणा तो नहीं हुई है. लेकिन पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में माहौल गरमाने लगा है. लोग अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. इसको लेकर गांवों में दुश्मनियों का दौर भी शुरू हो गया है.

ऐसा ही एक मामला सामने आया है गोरखपुर जिले के कुसमौल गांव में. वहां के एक दलित युवा सूर्या कोहली ने अपने फेसबुक पेज पर अपने भाई सोनू कुमार के ग्राम प्रधान पद पर चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए एक पोस्टर जारी किया.
पोस्टर पर बवाल
पोस्टर की शुरुआत इस शेर से होती है, ''हाथ बांधे क्यों खड़े हो हादसों के सामने, हादसे भी कुछ नहीं हैं हौसलों के सामने.'' इसके अलावा पोस्टर पर लिखा था, '' ग्राम पंचायत कुसमौल (महाडीह) की समस्त सम्मानित जनता को प्रणाम नमस्कार''.युवा संघर्षशील प्रधान पध प्रत्याशी सोनू कुमार.

सोनू कुमार की यह घोषणा गांव के प्रधान विवेक शाही उर्फ रिंकू शाही का नागवर गुजरी. उन्होंने फोन कर सोनू को जातिसूचक गालिया दीं और पूरी दलित बस्ती में आग लगा देने की धमकी दी.
पुलिस में शिकायत
सोनू ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में लिखा है, ''8 सितंबर की रात करीब साढ़े 11 बजे गांव के ही वर्तमान प्रधान विवेक शाही उर्फ रिंकू शाही ने उनके मोबाइल फोन xxxxx59713 पर फोन कर कहा कि 'चमार' हो, 'चमार' की तरह रहो, राजा बनने की कोशिश मत करो. तुम *ले 'चमारिया' प्रधानी चला पाओगे और प्रधान बनने का सपना छोड़ दो और अभी तुम्हारे घर पर आ जाएंगे तो तुम्हें गोली मार देंगे. तुम्हारे पूरे 'चमार टोले' में आग लगा देंगे.''
सोनू ने अपनी शिकायत में कहा है कि विकेक शाही के इस फोन कॉल के बाद उन्होंने 100 पर फोन कर पुलिस बुलाई. लेकिन पुलिस नहीं आई. रात होन की वजह से वो थाने पर सूचना नहीं दे पाए थे. और अगले दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

विवेक शाही इतने भर से शांत नहीं हुए, उन्होंने सोनू के भाई की फेसबुक पोस्ट पर जाकर कमेंट किया. उन्होंने लिखा, '' औकात में रहो. 'चमार' हो 'चमार' बनकर रहो. राजा बनने की जुर्रत मत करना कल से तुम्हारा बुरा दिन शुरू. ''
पुलिस का कहना है
गोरखपुर की बेलीपार पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है. गोरखपुर जिले की बेवसाइट पर दिए गए बेलीपार पुलिस थाने के नंबर xxxxx03503 पर फोन करने पर फोन उठाने वाले ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है. लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि क्या इस मामले में एससी-एसटी एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं, उन्होंने इस संबंध में जानकारी देने से मना कर दिया. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या इस मामले में कोई गिरफ्तारी हुई है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हम यह भी नहीं बता सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच सीओ साहब कर रहे हैं.
हालांकि 'एशियाविल हिंदी' से हुई बातचीत में सोनू कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद 10 सितंबर को सीओ साहब आए थे. वो बयान दर्ज कर ले गए हैं. वो चार गवाहों के बयान लेकर गए हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
सोनू ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के अगले दिन रात नौ बजे विवेक शाही एक बार फिर उनके घर के पास आए और मार देने, पूरे परिवार को खत्म कर देने की धमकी दी.
आजादी के 7 दशक बाद जब एक दलित युवा ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ने की घोषणा करता है तो सवर्ण ग्राम प्रधान की प्रतिक्रिया को आप यहां समझ सकते हैं. भारत के गांवों के लिए यह कोई नई बात नहीं है.
विवेक शाही पहली बार ग्राम प्रधान बने हैं. इस बार के चुनाव कब होंगे यह भी अभी तय नहीं है. क्योंकि ऐसी संभावना है कि कोरोना की वजह से सरकार पंचयात चुनाव को अगले कुछ महीने के लिए टाल सकती है. ग्रेजुएशन कर चुके सोनू ने बताया कि अभी यह तय नहीं है कि उनके ग्राम सभा में ग्राम प्रधान पद के लिए आरक्षण की स्थिति क्या होगी. इसके बाद भी केवल घोषणा मात्र से ही गांव का माहौल गरमा गया है. सोनू ने बताया कि उनके गांव में सभी जातियों के लोग रहते हैं. लेकिन चमार और राजपूतों की संख्या सबसे अधिक है.
अंबेडकर की विचारधारा को मानने वाले सोनू कुमार किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं है. लेकिन अब वो इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं.
इस मामले में विवेक शाही का संपर्क सूत्र तलाशने की कोशिश की गई, ताकि उनका पक्ष जाना जा सके. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. अगर वो अपना पक्ष रखना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं. हम उनके पक्ष को भी जगह देंगे.