अभी जेल में ही रहेंगे लालू यादव, आज अदालत में ऐसी रही बहस, 11 दिसंबर को होने वाली अहम सुनवाई
अब पहले यह तय होगा कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में आधी सजा काटी है या नहीं. इस अवधि को सत्यापित कराने के बाद लालू प्रसाद की ओर से हाईकोर्ट में 11 दिसंबर तक जवाब दाखिल करना होगा.
चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है. झारखंड हाईकोर्ट ने 11 दिसंबर तक के लिए सुनवाई को टाल दिया है. अब इस मामले में दिसंबर के दूसरे हफ़्ते यानी 11 तारीख़ को सुनवाई की जाएगी. जिसके बाद ही ये साफ हो सकेगा कि आखिर लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर आएंगे या फिर लालू यादव को जेल में ही रहना पड़ेगा.
अब पहले यह तय होगा कि लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में आधी सजा काटी है या नहीं. इस अवधि को सत्यापित कराने के बाद लालू प्रसाद की ओर से हाईकोर्ट में 11 दिसंबर तक जवाब दाखिल करना होगा. दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को दो मामलों में सात- सात साल की सजा सुनाई है.
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर अदालत ने ये फ़ैसला सुनाया है. दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने दुमका कोषागार से करोड़ों रुपये की अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका दाखिल की थी.
शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू के जेल में सजा की आधी अवधि को लेकर सीबीआई और लालू प्रसाद की ओर से अलग अलग दावे किए गए. सीबीआई का कहना था कि लालू प्रसाद ने जेल में अभी सिर्फ 34 माह ही बिताए हैं, जबकि लालू प्रसाद की ओर से दावा किया गया कि उन्होंने इस मामले में 42 माह 28 दिन की अवधि काट ली है.
दोनों के अलग- अलग दावे के बाद लालू प्रसाद की ओर से पक्ष रख रहे वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में सजा की आधी अवधि को सत्यापित करने का प्रस्ताव देते हुए सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया. इस आग्रह को स्वीकार करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सजा की अवधि को सत्यापित कर 11 दिसंबर को लालू प्रसाद को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी.
सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से कहा गया कि लालू प्रसाद को सात साल की सजा सुनायी गयी है. इस मामले में लालू प्रसाद ने पटना के जेल में भी कुछ दिन थे। अभी तक उन्होंने 42 माह से अधिक की अवधि जेल में बितायी है, जिस कारण उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए. लेकिन सीबीआई लगातार इसका विरोध करते रही. सीबीआई का दावा था कि लालू प्रसाद की ओर से जो दावा किया जा रहा है उसमें त्रुटि है. लालू प्रसाद को चारा घोटाले के चार मामलों में सजा मिली है. तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है. दुमका कोषागार के मामले में जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर निकल जाएंगे.
वहीं आरजेडी प्रवक्ता स्मिता लाकरा ने कहा, 'जब भी लालू जी की जमानत याचिका टाल दी जाती है, तो पूरी पार्टी निश्चित रूप से निराश हो जाती है, लेकिन हमें पूरी उम्मीद है कि अगली सुनवाई में उन्हें जमानत मिल जाएगी. हमें इंतजार करना होगा और सच्चे न्याय के लिए देखना होगा. लालू जी सभी जेल नियमों और विनियमों का पालन कर रहे हैं.'
पांच मामले
बता दें कि लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले से जुड़े पांच मामले चल रहे हैं. इन पांच मामलों में से चार मामलों में सीबीआई कोर्ट की ओर से उन्हें सजा सुनाई जा चुकी है. वहीं पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा हुआ है, जिस पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. दूसरी तरफ जिन चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सजा मिली है, उनमें से तीन मामलों में उन्हें जमानत भी मिल चुकी है.
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