हैदराबाद रेप-हत्याकांड: संसद में आरोपियों को फांसी देने और लिंच करने की उठी मांग
राज्यसभा सांसदों ने निर्भया वाले मामले का भी जिक्र किया और कहा कि उस मामले के सात साल बाद भी उसके दोषियों को अभी तक फांसी पर नहीं लटकाया गया है. देर से मिला न्याय अन्याय के बराबर होता है.
हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर के गैंगरेप-मर्डर का मामला आज संसद में भी गूंजा. संसद के दोनों सदनों में ये मुद्दा उठा. राज्यसभा में सांसद जया बच्चन इस दुष्कर्म की कड़ी आलोचना की. उन्होंने इस मामले के आरोपियों को लेकर संसद में कहा है कि ऐसे लोगों की जनता के बीच लाकर लिंचिंग होनी चाहिए.
जया बच्चन ने कहा कि हैदराबाद में जिस तरीके के घटना हुई है उसमें शामिल लोगों को पब्लिक के हवाले कर देना चाहिए. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि यह वो समय है जब जनता चाहती है कि सरकार माकूल जवाब दे. इस प्रकार के लोगों को सार्वजनिक तौर पर सज़ा देने की जरूरत है.''
#WATCH "People now want Govt to give a definite answer. These type of people (the accused in rape case) need to be brought out in public and lynched," Rajya Sabha MP Jaya Bachchan on rape & murder of woman veterinary doctor in Telangana pic.twitter.com/HFNjUHtSHB
— ANI (@ANI) December 2, 2019
जया बच्चन ने कहा कि जहां पर घटना घटी है उससे एक दिन पहले भी वहां ऐसी घटना हुई थी. उन्होंने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा है कि उसके लिए उस क्षेत्र के सुरक्षा अधिकारी से जवाब क्यों नहीं मांगा गया? जया बच्चन ने कहा कि अधिकारियों ने अपने काम में लापरवाही बरती है. उससे निश्चित रूप से सवाल किया जाना चाहिए और जवाब लिया जाना चाहिए.”
इसके अलावा राज्यसभा में एआईएडीएमके सांसद विजिला सत्यनाथ ने कहा, ''देश बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है. इस घटना को अंजाम देने वाले चारों लोगों को 31 दिसंबर से पहले फांसी पर लटका दिया जाए.''
राज्यसभा सांसदों ने निर्भया वाले मामले का भी जिक्र किया और कहा कि उस मामले के सात साल बाद भी उसके दोषियों को अभी तक फांसी पर नहीं लटकाया गया है. देर से मिला न्याय अन्याय के बराबर होता है.
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने इस घटना की निंदा करते हुए समाज में सुधार लाने पर बल दिया. उनका कहना था कि सबकी पुलिसिंग संभव नहीं है. एक जनमानस के मन की पुलिसिंग कैसे होगी. हमें समाज में जागरूकता लानी होगी.
इससे पहले राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सिर्फ कानून से काम नहीं चलगेा. बदलाव की जरूरत है. यह समाज की बीमारी है. केवल फास्ट ट्रैक कोर्ट से कुछ नहीं होगा. कम उम्र से कोई लेना देना नहीं जिसने ऐसा काम किया उसको क्या छोड़ा जा सकता है? एक डर होना चाहिए. समाज में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है.
Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu on crimes against women: What is required is not a new bill. What is required is political will, administrative skill, change of mindset and then go for kill of the social evil. pic.twitter.com/Em1GDFMusv
— ANI (@ANI) December 2, 2019
वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद कहा कि कोई भी सरकार या नेता नहीं चाहेगा कि ऐसी घटना उनके राज्य में घटित हो. यह समस्या सिर्फ कानून बनाने से हल नहीं हो सकती है. ऐसे कृत्यों को मिटाने के लिए ऐसे अपराधों के खिलाफ एक साथ खड़े होने की जरूरत है.
दूसरी तरफ़ लोकसभा में भी कई सांसदों ने ये मुद्दा उठाया, जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “देश में जो घटनाएं घट रही हैं उस पर संसद भी चिंतित हैं. मैंने प्रश्न काल के बाद इस पर चर्चा की अनुमति दी है.”
बता दें कि 28 नवंबर की रात मृतक महिला डॉक्टर की बीच रास्ते में स्कूटी ख़राब हो गई थी. सुनसान जगह गाड़ी ख़राब होने की वजह से वो डरी हुई थी और उसने अपने परिजनों को फोन कर इसकी जानकारी दी. बाद में उसका फोन बंद मिला और फिर जली हुई हालत में उसका शव बरामद हुआ. तेलंगाना के रंगारेड्डी ज़िले में डॉक्टर के साथ हैवानियत के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. वहीं एसआई समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.