क्या हार्दिक पंड्या ने शोएब मलिक का क्रिकेट करियर ख़त्म कर दिया?
1990 में क्रिकेट करियर की शुरू करने वाले सिर्फ़ दो ही खिलाड़ी इस वक़्त क्रिकेट खेल रहे हैं. एक हैं ख़ुद मलिक और दूसरे हैं वेस्टइंडीज़ के धाकड़ क्रिस गेल. मलिक से ज़्यादा तज़ुर्बा पाकिस्तान के किसी खिलाड़ी के पास नहीं है.
चार साल पहले यानी 2015 में शोएब मलिक ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के पीछे ये वजह बताई थी कि वो एकदिवसीय क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. 2019 का विश्वकप उनके ज़ेहन में था. रिटायर होने से पहले इस विश्वकप में पाकिस्तान के हाथों में विश्वकप ट्रॉफी थमाना मलिक का ख़्वाब था. ये उनका आख़िरी टूर्नामेंट है. वो पहले ही कह चुके हैं कि विश्वकप के बाद वो एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे.
लेकिन, अब सवाल इससे आगे का है. सवाल ये है कि क्या शोएब मलिक को पाकिस्तान के बचे हुए 4 लीग मैचों के लिए टीम में जगह मिलेगी? क्या पाकिस्तान की टीम जब 23 जून को अगला मैच खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ उतरेगी तो शोएब मलिक का बोझ कप्तान सरफ़राज़ अहमद उठा पाएंगे? एकदिवसीय मैचों में जावेद मियांदाद, यूनिस ख़ान, सलीम मलिक और ऐजाज़ अहमद जैसे बल्लेबाज़ों से ज़्यादा रन बना चुके शोएब मलिक एक वक़्त में पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी की रीढ़ हुआ करते थे. उन्होंने 41 मैचों में पाकिस्तानी टीम की अगुवाई भी की है. एकदिवसीय मैचों में उनसे ज़्यादा शतक सिर्फ़ 5 पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों ने लगाए हैं.
[ये भी पढ़ें: पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारतीय टीम को लगा दूसरा सबसे बड़ा झटका]
यही है वो लम्हा जब पंड्या ने मलिक को चलता किया
मामला सिर्फ़ बल्लेबाज़ी का ही नहीं है, शोएब मलिक ने गेंदबाज़ी से भी पाकिस्तान को कई मैच जिताए हैं. वह एक ऑलराउंडर हैं. उनसे ज़्यादा विकेट पाकिस्तान के लिए सिर्फ़ 11 गेंदबाज़ों ने लिए हैं और ये 11 गेंदबाज़ जब मैदान पर उतरते थे तो विश्व क्रिकेट में उनकी तूती बोलती थी.
शोएब मलिक ने अपने करियर को लेकर पिछले साल कहा था, “हम दो बड़े टूर्नामेंट्स जीत चुके हैं. 2009 में टी20 का विश्वकप और 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी. मेरे क्रिकेट करियर में एक ही कमी रह गई है और वो है 50 ओवर वाला विश्वकप जीतना. मेरी मेहनत के पीछे सबसे बड़ी वजह यही है. मुझे ख़ुद से और टीम को युवा साथियों से काफ़ी उम्मीदें हैं. हम अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे.”
[ये भी पढ़ें: विराट कोहली ने तेंदुलकर को बड़े अंतर से छोड़ा पीछे]
पाकिस्तान की मौजूदा टीम में एक भी ऐसा खिलाड़ी नहीं है जिसने शोएब मलिक से ज़्यादा रन बनाए हों या उनसे ज़्यादा विकेट चटकाए हों. शोएब मलिक ने दुनिया के ख़तरनाक गेंदबाज़ों की धुनाई की है. फिर ऐसा क्यों लग रहा है कि उनकी तुलना में क्रिकेट के नौसिखिए हार्दिक पंड्या ने उनके करियर पर पूर्ण विराम लगा दिया?
इसके लिए मलिक के अतीत में जाने के बदले बीते एक साल में उनके बल्लों की तरफ़ नज़र घुमाना होगा. इस विश्वकप में खेल रही 10 टीमों की सूची में पाकिस्तान फ़िलहाल 9वें नंबर पर है. उसके ठीक नीचे है दूसरी बार विश्वकप में हिस्सा ले रहा उसका पड़ोसी मुल्क अफ़ग़ानिस्तान. पाकिस्तान ने एक मैच में ज़रूर बेहद ताक़तवर इंग्लैंड को मात दी है, लेकिन ये इस टूर्नामेंट में उसकी इकलौती जीत है.
[ये भी पढ़ें: भारत-7, पाकिस्तान-0, पढ़े विस्तार से कहानी]
प्लेड ऑन होने के बाद स्टंप निहारते शोएब मलिक
पाकिस्तान 3 मैच हार चुका है, एक मैच बारिश की वजह से धुल गया. नेट रन रेट के मामले में वो अफ़ग़ानिस्तान से भी बदतर है. पूरे विश्वकप में पाकिस्तानी बल्लेबाज़ी अपनी छाप नहीं छोड़ पाई. लेकिन, मलिक का रिकॉर्ड और भी बदहाल है. जिन चार मैचों में पाकिस्तान ने बल्लेबाज़ी की है उनमें से वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ हुए पहले मुक़ाबले में शोएब मलिक टीम में नहीं थे.
उसके बाद पाकिस्तान तीन दिग्गज टीमों से भिड़ चुका है. इंग्लैंड को परास्त किया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और भारत से उसे करारी हार मिली. इन मैचों में शोएब मलिक का स्कोर रहा 8, 0 और फिर से शून्य. इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 8 गेंदों में उन्होंने 8 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए. भारत के ख़िलाफ़ बैटिंग करना मलिक को पसंद है. अपने जीवन में सबसे ज़्यादा 1,782 एकदिवसीय रन उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ बनाए हैं. जीवन का सर्वोच्च स्कोर 143 उन्होंने भारत के विरुद्ध ही बनाए. उनके जीवन के सबसे ज़्यादा 4 शतक भारत के ही ख़िलाफ़ आए हैं. सबसे ज़्याद 12 अर्धशतक भी उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ लगाए हैं.
हॉन्गकॉन्ग और आयरलैंड जैसी दो कमज़ोर टीमों को छोड़ दें तो एकदिवसीय क्रिकेट में शोएब मलिक का सबसे शानदार औसत भारत के ख़िलाफ़ है. ऐसे में दो मैचों में 8 और 0 बनाकर संघर्ष कर रहे शोएब मलिक से उम्मीद थी कि वो भारत के विरुद्ध हुए मैच में फॉर्म में वापस लौटेंगे और पाकिस्तान के लिए जी-जान लगाकर बल्लेबाज़ी करेंगे, लेकिन मलिक ने उम्मीदों पर ऐसा पानी फेरा कि मोहम्मद हफ़ीज़ के आउट होने के बाद हार्दिक पंड्या की अगली ही गेंद पर वो बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए.
कप्तान सरफ़राज़ अहमद दूसरे छोर पर खड़े होकर देखते रहे गए. पाकिस्तान को अगर सेमीफ़ाइनल तक पहुंचना है तो उसे अगले चारों मैच अब जीतने होंगे. टीम के लिए करो या मरो वाली स्थिति है. शोएब मलिक की फॉर्म ये गवाही नहीं देती कि वो टीम को उस मुक़ाम तक ले जाने में सफल हो पाएंगे. पिछले 30 एकदिवसीय पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ़ तीन बार 50+ का स्कोर निकला है.
[ये भी पढ़ें: कौन हैं सर्वकालिक महानतम नंबर-3 बल्लेबाज़, देखिए पूरी सूची]
शोएब मलिक अपने आख़िरी विश्वकप को यादगार बनाना चाहते थे, लेकिन इस विश्वकप के चारों मैचों की टीस उसे अभी साल रही होगी. सबसे ज़्यादा हार्दिक पंड्या के हाथों आउट होने का उन्हें मलाल होगा. इसके पीछे तीन वजहें हैं. एक तो भारत के ख़िलाफ़ उनका रिकॉर्ड अच्छा है. दूसरा, भारत-पाकिस्तान के बीच मुक़ाबले में पाकिस्तानी दर्शकों की उम्मीद हर बल्लेबाज़ों से ज़्यादा करने की होती है. तीसरी, इस विश्वकप में वो लगातार दो मौक़ों पर फेल हो चुके थे और तीसरे मैच में उन्हें वापसी करनी थी. लेकिन, भारत के ख़िलाफ़ उनका प्रदर्शन सबसे बदतरीन रहा. पहली ही गेंद पर वो चलते बने.
ख़राब फ़ॉर्म से जूझ रहे मलिक को कोच मिकी ऑर्थर ने ये कहते हुए भारत के ख़िलाफ़ उतारा था कि उनका तज़ुर्बा टीम के काम आएगा. 287 वनडे मैचों में 7,534 रन बना चुके मलिक कहीं से भी इन उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. इस वक़्त विश्व क्रिकेट में सिर्फ़ दो खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1990 के दशक में क्रिकेट में पदार्पण किया और आज भी देश के लिए खेल रहे हैं. एक हैं ख़ुद मलिक और दूसरे हैं वेस्टइंडीज़ के धाकड़ बल्लेबाज़ क्रिस गेल.
[ये भी पढ़ें: वर्ल्ड कप के इतिहास में टाई हुए मैचों की कहानी]
2015 में अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर 245 बनाने के बाद शोएब मलिक ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था. मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ये लग नहीं रहा है कि वो 143 के अपने सर्वोच्च एकदिवसीय स्कोर को पार कर विदाई हासिल कर सकेंगे. फ़िलहाल तो ऐसा ही लग रहा है कि टीम जब दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ उतरेगी तो शोएब मलिक को टीम में रखने को लेकर कप्तान और टीम मैनेजमेंट के मन में उनको खिलाने को लेकर संशय बरकरार रहेगा. पंड्या ने उन्हें शून्य पर चलता कर पाकिस्तानी टीम को ऐसे ऊहापोह की स्थिति में डाल दिया है जहां से उसे सोचना होगा कि वो शोएब मलिक को सम्मानजनक विदाई दें या फिर विश्वकप जीतने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम उतारे.
(हमें फ़ेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो करें)