PAK vs NZ: पाकिस्तान को हर हालत में जीतना होगा मैच, देखिए क्या है समीकरण
पाकिस्तान ने 1992 में ये कारनामा किया था. उस वक़्त भी पाकिस्तान के मैच से पहले न्यूज़ीलैंड एक भी मैच नहीं हारी थी, लेकिन न्यूज़ीलैंड की अच्छी बात ये है कि वो इस विश्वकप में शानदार खेल दिखा रही है.
आज वर्ल्ड कप के 33वें मुक़ाबले में आमने-सामने हैं न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान. इंगलैंड की श्रीलंका से हार और पाकिस्तान और बांग्लादेश के बड़ी जीत हासिल करने के बाद सेमीफ़ाइनल की रेस और मज़ेदार हो गई है. न्यूज़ीलैंड और इंडिया दो ऐसी टीमें है जो अभी तक एक भी मुक़ाबला नहीं हारी है. न्यूज़ीलैंड ने अपने 6 मैचों में 5 में जीत हासिल की है. वहीं, पाकिस्तान के पास आज मौक़ा है इस मैच को जीतकर सेमीफ़ाइनल में पहुंचने की उम्मीद को जिंदा रखने की. पाकिस्तान 6 मुक़ाबलों में से मात्र 2 में जीत हासिल कर पाई है. दोनों टीमों के बीच ये मैच बर्मिंघम में खेला जाएगा.
पिच और ग्राउंड कंडीशन
बर्मिंघम में थोड़े बादल ज़रूर रहेंगे लेकिन बारिश होने की संभावना नहीं है. तेज़ गेंदबाज़ों को शुरुआत में मदद मिलेगी. पिच थोड़ी स्लो है जिससे बल्लेबाज़ों को खेलने में थोड़ी दिक़्क़त आ सकती है. शुरुआत में गेंद धीमी और रुककर बल्ले पर आएगी.
दोनों टीमों की चिंता और चुनौतियां
वेस्ट इंडीज़ और दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ न्यूज़ीलैंड के पिछले दो मैच काफी क़रीबी रहे. वेस्ट इंडीज़ के कार्लोस ब्रैथवेट ने डेथ ओवर्स में गेंदबाज़ों की जिस अंदाज़ में पिटाई की थी, उससे आख़िरी ओवर्स में न्यूज़ीलैंड की बॉलिंग पर भी सवाल उठे. अगर शुरुआती मैचों को छोड़ दें तो न्यूज़ीलैंड के ओपनर्स पावरप्ले में उतने घातक नहीं साबित हो पाए है. बल्लेबाज़ी भी उतनी स्थिर नज़र नहीं आ रही है. टीम कप्तान केन विलियमसन के भरोसे दो मैच जीती है. अगर विलियमसन असफल साबित होते हैं तो न्यूज़ीलैंड मुश्किल में पड़ सकती है.
वहीं, अगर पाकिस्तान की बात करें तो उसने अभी तक 2 ही मुक़ाबले जीते हैं. टीम पर हर हालत में जीत हासिल करने का दबाव है. पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी में स्थिरता की कमी नज़र आई है. बल्लेबाज़ बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. टीम के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ माने जाने वाले बाबर आज़म अपनी पारी को लंबा खींचने में अब तक नाकाम रहे हैं. इमाम उल हक़, फख़र ज़मान दोनों ही बल्लेबाज़ों ने रन तो बनाए हैं, लेकिन अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने में वो भी उसी तरह नाक़ामयाब रहे हैं. मोहम्मद आमिर को छोड़ दें तो टीम की गेंदबाज़ी भी बहुत घातक नज़र नहीं आई है.
दोनों टीमों की ताक़त
न्यूज़ीलैंड शानदार फॉर्म में नज़र आ रही है. टीम के लिए सबसे आश्वस्त करने वाली बात ये वो इस विश्वकप में अब तक अजेय है. कप्तान केन विलियमसन और रॉस टेलर बेहतरीन खेल दिखा रहे हैं. वहीं टीम के लिए सबसे बड़ी ताक़त रही है उसका ऑल राउंड खेल. मिचेल सेंटनेर, कोलिन डी ग्रैंडहोम और जेम्स नीशाम ने मैच विनिंग परफॉरमेंस दी है. गेंदबाज़ी में लौकी फर्गुसन, मैट हेनरी और ट्रेंट बोल्ट तीनों गेंदबाज़ो ने शानदार गेंदबाज़ी की है. टीम लय में है और दबाव के बग़ैर मैदान में उतरेगी.
पाकिस्तान की बात करें तो दक्षिण अफ्रीका को हराने के बाद टीम का मनोबल बढ़ा है. आलोचना कर रहे फैंस फिर से टीम के समर्थन में उतर आए हैं. हारिस सुहैल ने पिछले मैच में अच्छी बल्लेबाज़ी की थी. पाकिस्तान के बल्लेबाज़ अब तक भले ही कमाल ना कर पाए हों, लेकिन वो हुनरमंद हैं. अगर फॉर्म में लौट गए तो न्यूज़ीलैंड पर ये टीम भारी भी पड़ सकती है. आज का मैच अगर पाकिस्तान जीत जाती है तो आने वाले मैच उसके आसान हो जाएंगे. अगला मुक़ाबला उसे बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से खेलना है. लिहाज़ा पाकिस्तान आज पूरी ताक़त के साथ उतरेगी. टीम जज़्बे से भरपूर है. बाबर आज़म और फख़र ज़मान अगर जैसे बल्लेबाज़ टीम की ताक़त है और मोहम्मद आमिर ने तो ख़ैर पूरे टूर्नामेंट में ही सबको प्रभावित किया है. पाकिस्तान के पास बल्लेबाज़ी में भी गहराई है. वहाब रियाज़ ने एक मैच में ये साबित भी किया.
क्या कहते हैं आंकड़े?
दोनों टीम एक-दूसरे से विश्व कप में 8 बार भिड़ चुकी हैं. इनमे से 6 मुक़ाबले पाकिस्तान ने जीते और 2 न्यूज़ीलैंड ने. लिहाज़ा पिछला रिकॉर्ड पाकिस्तान के पक्ष में झुका हुआ है. हालांकि इस विश्वकप में कहानी कुछ अलग है. पाकिस्तान को अजेय न्यूज़ीलैंड को हराना होगा. पाकिस्तान ने 1992 में ये कारनामा किया था. उस वक़्त भी पाकिस्तान के मैच से पहले न्यूज़ीलैंड एक भी मैच नहीं हारी थी, लेकिन न्यूज़ीलैंड की अच्छी बात ये है कि वो इस विश्वकप में शानदार खेल दिखा रही है. आज का मैच शानदार होने वाला है.