भारत ने टीवी के बाद अब AC इंपोर्ट पर लगाया बैन, चीन से होता था सबसे ज्यादा आयात
सरकार ने आत्म निर्भर भारत की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाया है, सरकार ने AC के इंपोर्ट पर बैन लगा दिया है. सरकार के इस कदम से एक तरफ चीन को झटका लगा है, तो दूसरी तरफ घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा.
भारत सरकार ने आज एक अहम फैसला लेते हुए दूसरे देशों से इंपोर्ट किए जाने वाले एयर कंडीशंस पर बैन लगा दिया है. सिर्फ उन्हीं एयर कंडीशंस के इंपोर्ट पर ही बैन होगा जो रेफ्रिजरेटर के साथ आते हैं. सरकार ने ये फैसला घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए और गैर जरूरी सामनों के इंपोर्ट को घटाने के लिए लिया है.
भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पहले टीवी, फिर टायर और अब एयरकंडीशन के इंपोर्ट को बैन कर दिया गया है. दरअसल सरकार चाहती है कि गैर-जरूरी सामान के आयात में कमी लाया जा सके. डीजीएफटी यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए अब एसी के आयात को फ्री कैटेगरी से प्रतिबंधित कैटेगरी में रखा गया है.
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने 15 अक्टूबर को जारी किए अपने नोटिफिकेशन में लिखा- रेफ्रिजरेटर्स के साथ आने वाले एयरकंडीशंस के इंपोर्ट पर दी गई छूट को अब हटा लिया गया है.'
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मोदी सरकार पहले से ही कई कड़े कदम उठा चुकी है. जिसके तहत टायर. टीवी, अगरबत्ती जैसी गैर जरुरी चीजों के इंपोर्ट को बैन किया जा चुका है. माना जा रहा है कि इस फैसले से एक बड़ा प्रभावित होगा.
सरकार के इस फैसले से चीन, मलेशिया, थाइलैंड, जापान समेत कई देशों पर असर पड़ेगा. क्योंकि भारत इन देशों से सबसे ज्यादा इंपोर्ट करता है. भारत में सबसे ज्यादा एयर कंडीशंस चीन से इंपोर्ट होते हैं. देश में करीब 300 कंपनियां भारत को एसी या इससे जुड़े उत्पाद का आयात करती है.
भारत में एसी का कुल बाजार करीब 5 बिलियन डॉलर का है जिसका एक बड़ा हिस्सा आयात से जुड़ा है. केवल एसी के कंपोनेंट की बात करें तो अकेले इसकी हिस्सेदारी 2 बिलियन डॉलर के करीब है. दरअसल सरकार चाहती है कि इस मार्केट पर भारत की हिस्सेदारी बढ़े और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कंपनियां देश में इनका निर्माण कर सकें.
सरकार के इस फैसले का देसी कंपनियों ने स्वागत किया है. हैवल्स इंडिया के सीएमडी अनिल राय गुप्ता ने कहा है कि हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. सरकार के इस कदम से भारतीय कंपनियों को निश्चित तौर पर फायदा होगा. खासकर उन कंपनियों को जिन्होंने भारत में प्लांट लगाने में मोटी रकम निवेश की हुई है. हैवल्स इंडिया ने अपने प्लांट पर 400 करोड़ का निवेश किया है. कंपनी को उम्मीद है कि इस फैसले से उनको फायदा मिलेगा.