सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण, जानिए क्या है ख़ासियत, देखें- Video
अगले कुछ दिनों में भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है.
भारत ने सतह से सतह तक मार करनेवाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में किया.
इसके साथ ही मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी से बढ़ा कर 400 किमी तक हो गयी. हालांकि, ब्रह्मोस मिसाइल की गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी कायम रखी गयी है.
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण हथियार के नियोजित परीक्षणों की शृंखला के तहत किया गया है.
साथ ही बताया गया है कि अगले कुछ दिनों में भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम है, जो इस घातक हथियार का उत्पादन करता है. ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन पर से भी दागा जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल के एक नौसैनिक संस्करण का 18 अक्तूबर को अरब सागर में भारतीय नौसेना के स्वदेश में निर्मित टोही विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.
#WATCH | India testfires land-attack version of BrahMos supersonic cruise missile from Andaman & Nicobar Islands. pic.twitter.com/eTFJExpROZ
— ANI (@ANI) November 24, 2020
भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है.
मालूम हो कि भारत ने पिछले ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. रुद्रम को 2022 तक सेना में शामिल किये जाने की योजना है. भारतीय वायु सेना ने 30 अक्तूबर को बंगाल की खाड़ी में एक सुखोई युद्धक विमान से मिसाइल के हवाई संस्करण का परीक्षण किया था.
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