पी चिदंबरम को कोर्ट से झटका, CBI कस्टडी में भेजे गए
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत ने चार दिन की CBI हिरासत में भेज दिया है.
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत ने चार दिन की CBI हिरासत में भेज दिया है. इन चार दिनों में CBI पी चिदंबरम से पूछताछ कर सकती है. जांच एजेंसी इस दौरान उनसे पूछताछ करेगी और कोशिश करेगी कि उन सभी सवालों के जवाब लिए जाएं जो उनसे पूछा गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि हर 48 घंटों में उनकी हेल्थ जांच हुआ करेगी. हर दिन परिवार और वक़ील के साथ आधे घंटे तक मिलने की इजाज़त भी कोर्ट ने दी है. कल पी चिदंबरम के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी होने वाली है.
सुनवाई के दौरान चिदंबरम ने 6 जून, 2018 की सुनवाई की ट्रांसक्रिप्ट मंगाने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि कोई ऐसा सवाल नहीं है उसका जवाब उन्होंने नहीं दिया. चिदंबरम ने कहा कि 50 लाख से जुड़े आरोपों के बारे में उनसे कोई सवाल नहीं किया गया. मुझसे ये पूछा गया था कि क्या आपके या आपके बेटे के पास विदेश में बैंक खाता है. इसकी जानकारी दे दी गई है.
INX Media Case: Former Union Finance Minister #PChidambaram being taken from Court after the Court sent him to CBI custody till August 26. pic.twitter.com/0XNUsBalMA
— ANI (@ANI) August 22, 2019
इससे पहले सीबीआई ने भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच चिदंबरम को सीबीआई कोर्ट में पेश किया और पांच दिन की रिमांड मांगी. सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए. उधर, चिदंबरम की तरफ से वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखी.
चिदंबरम की दलील
चिदंबरम के वकीलों ने कस्टडी का विरोध किया. उन्होंने कहा कि चिदंबरम को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया गया वो हाजिर हुए. सिब्बल ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले के सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं. उन्होंने कहा कि चिदंबरम को बुधवार रात गिरफ्तार किया गया लेकिन उनसे आज दोपहर 12 बजे से पूछताछ शुरू हुई और वो भी महज 12 सवाल पूछे गए. चिदंबरम ने कहा कि चिदंबरम से जो 12 सवाल पूछे गए उनमें से छह का जवाब वो पहले ही दे चुके हैं. सिब्बल ने कहा कि आखिरी बार 6 जून, 2018 को चिदंबरम से आखिरी बार पूछताछ की गई थी और इसके बाद उन्हें फिर कभी नहीं बुलाया गया. वहीं सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी ऑटोमेटिक नहीं अपवाद होती है और ये पूरा मामला इंद्राणी मुखर्जी के बयान और केस डायरी पर आधारित है. उन्होंने कहा कि चिदंबरम को इंद्राणी के बयान के चार महीने बाद बुलाया गया और 2018 में पूछताछ की गई. पिछले करीब एक साल से चिदंबरम को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है.
सीबीआई की दलील
सीबीआई की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला प्री-चार्जशीट के स्टेज पर है. उन्होंने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने सभी दस्तावेज नहीं दिए हैं जो जांच के लिए अहम हैं. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब लेना जरूरी है. मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जजमेंट में इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का क्सालिक केस बताया गया है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले में चिदंबरम ने दूसरों के साथ आपराधिक साजिश की. मेहता ने कहा कि चिदंबरम को गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद गिरफ्तार किया गया और इस मामले के दूसरे आरोपियों को भी कस्टडी में लेकर पूछताछ की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि चिदंबरम जान-बूझकर सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं. मेहता ने कहा कि हमारा पाला तेज-तर्रार लोगों से पड़ा है इसलिए मामले की तह तक जाना जरूरी है.