बड़ी सफलता : इसरो ने लांच किया कार्टोसैट-3 उपग्रह
इसरो ने आज सुबह कार्टोसैट-3 के साथ अमरीका के 13 नैनो उपग्रहों को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया. कार्टोसैट को मैपिंग के काम के लिए भेजा गया है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह कार्टोसैट-3 के साथ अमरीका के 13 नैनो उपग्रहों को लांच किया. इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया.
यह कार्टोसैट श्रृंखला का नौवां उपग्रह है. इसे पीएसएलवी-सी47 के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया. यह पीएसएलवी-सी47 49वीं उड़ान थी.
कार्टोसैट-3 के साथ अमरीका के व्यावसायिक उद्देश्य वाले 13 छोटे उपग्रह भी ले जाए गए हैं.
इस अवसर पर इसरो के प्रमुख के सिवन श्रीहरिकोटा मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में मौजूद थे.
कार्टोसैट-3 को भारत की आंख बताया जा रहा है. इसके जरिए बड़े पैमाने पर मैपिंग की जाएगी. इससे शहरों की प्लानिंग और गांवों में संसाधनों का प्रबंधन भी किया जाएगा.
कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है. इसमें हाई रिजोल्यूशन तस्वीर लेने की क्षमता है. इसका भार 1,625 किलोग्राम है. कार्टोसैट-3 पांच साल तक काम करेगा.
इसरो ने 22 जुलाई को चंद्रयान -2 के प्रक्षेपण के बाद कार्टोसैट-3 का प्रक्षेपण किया है.
इसरो प्रमुख के सिवन ने कार्टोसैट-3 के प्रक्षेपण से पहले मंगलवार को तिरुपति स्थित तिरुमाला मंदिर में पूजा-अर्चना की थी.
सिवन ने तिरुमाला में भगवान वेंकटेश की पूजा-अर्चना की. उन्होंने बाद में मीडिया से कहा कि चंद्रयान-2 का आर्बिटर अच्छी तरह काम कर रहा है और चंद्रमा के बारे में बहुत सी सूचनाएं भेज रहा है.
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की सात सितंबर को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास विफल हो गया था. उसने वहां हार्ड लैंडिंग की थी. इससे उसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था.