भारत और पड़ोसी देशों के बीच जम्मू-कश्मीर को बनना चाहिए शांति का पुल- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्त ने कहा कि पहले सभी कानून लोगों से सलाह-मशविरे के आधार पर बनते थे और वो पब्लिक-फ्रेंडली हुआ करते थे. लेकिन अब कानून कश्मीरियों पर थोपे जा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के कुछ प्रावधानों में तब्दीली के बाद करीब 14 महीनों तक पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) नजरबंद रहीं. 14 महीनों बाद जब वह मीडिया के बीच आईं तो उन्होंने भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लेकर विवादित बयान दे दिया. अब एक बार फिर से महबूबा मुफ्ती ने विवादित बयान दिया है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीरियों पर कानून थोपे जा रहे हैं. उन्होंने कहा -कश्मीरी युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए मह किसी भी हद तक जाएंगे. महबूबा मुफ्ती ने कहा, "कश्मीरी युवाओं को सुरक्षित रखने के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं. पहले जो कानून बनाए गए थे उनके लिए जनता से सलाह ली गई थी और वे जनता को सहूलियत देने वाले कानून थे. लेकिन अब जो कानून कश्मीरियों पर थोपे जा रहे हैं उनसे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और हम इसे कतई नहीं बर्दाश्त करेंगे."
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा, "पीडीपी का हमेशा अजेंडा रहा है कि जम्मू-कश्मीर अमन का पुल बनना चाहिए। हमारे हमसाया मुल्क चाहे पाकिस्तान हो...अभी चीन ने एलएसी से अंदर आ रहे हैं. मुफ्ती साहब का ख्वाब रहा कि जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान और हमसाया मुल्क के बीच पुल बनाना होगा. मरकजी सरकार (केंद्र सरकार) को वही फॉर्म्युला अपनाना होगा."
PDP wants J&K should become a bridge of peace. Be it our neighbouring nations like Pakistan or China, who recently tried to enter LAC, I believe Mufti Ji's dream of making J&K a bridge between India & its neighbours, is a formula, which govt will have to adopt: Mehbooba Mufti,PDP pic.twitter.com/Dm0ioxUxz2
— ANI (@ANI) November 3, 2020
प्रेस से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि हम आर्थिक तौर पर बांग्लादेश से भी पिछड़ चुके हैं. चाहे वह रोजगार का मुद्दा हो या कुछ और, हर फ्रंट पर यह सरकार नाकामयाब है. इस सरकार के पास कोई ऐसा काम नहीं है जिसे दिखाकर वो वोट मांग सके. ये लोग कहते हैं कि अब जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी जा सकेगी. फिर कहते हैं कि फ्री वैक्सीन बांटेंगे. आज पीएम मोदी को वोट के लिए आर्टिकल 370 पर बात करने की जरूरत पड़ती है.
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने कहा था, "ये लोग (बीजेपी) जम्मू-कश्मीर के संसाधन लूट के ले जाना चाहते हैं। बीजेपी ने गरीब को दो वक्त की रोटी नहीं दी, वो J&K में जमीन क्या खरीदेगा? दिल्ली से रोज एक फ़रमान जारी होता है, अगर आपके पास इतनी ताकत है तो चीन को निकालो जिसने लद्दाख की ज़मीन खाई है, चीन का नाम लेने से थरथराते हैं."
14 महीने की हिरासत के बाद छूटीं महबूबा मुफ्ती के एक बयान को लेकर हाल में बड़ा विवाद हो गया है. कुछ दिनों पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होने अपने हाथ में जम्मू-कश्मीर का झंडा दिखाते हुए कहा था- "मेरा झंडा ये है. जब ये झंडा वापस आएगा तब हम तिरंगा भी फहराएंगे. जब हम तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता तब तक हम कोई झंडा नहीं फहराएंगे. हमारा झंडा ही तिरंगे के साथ हमारे संबंध को स्थापित करता है."