मार्च में कोविड-19 महामारी के कारण शिमला-कालका रेल लाइन पर सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था.
शिमला-कालका हेरिटेज लाइन पर भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जानो वाली एक विशेष सात-कोच टॉय ट्रेन रविवार को सिर्फ 2 सवारियों के लिए संचालित की गई. मार्च में कोविद -19 महामारी के कारण शिमला-कालका रेल लाइन पर सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन रविवार को 5 महीनों को बाद सिर्फ 2 सवारियों के लिए इस ट्रेन को फिर चलाया गया.
दरअसल इस ट्रेन नो एनडीए परीक्षा के एक उम्मीदवार और उनके पिता को रविवार को शिमला पहुंचाया.
अनुराग शर्मा सुबह 4.30 बजे अपने पिता के साथ टॉय ट्रेन में सवार हुए और 45 किमी दूर शिमला पहुंचे. वो सुबह 7.10 बजे UPSC की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और नौसेना अकादमी परीक्षा (I) और (II) के लिए उपस्थित हुए.
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र के निर्देश पर उम्मीदवारों की सुविधा के लिए केंद्र से ये विशेष ट्रेन चलाई गई थी. अधिकारी ने कहा, "ट्रेन में कोई अन्य यात्री नहीं था, शायद इसलिए क्योंकि सोलन से शिमला तक बस या कार से यात्रा करने में कम समय लगता है." सड़क के माध्यम से दो शहरों के बीच यात्रा करने में आमतौर पर 1.5 से 2 घंटे लगते हैं, जबकि पहाड़ी इलाके की कठिनाई के कारण ट्रेन को अधिक समय लगता है.
मुख्य वाणिज्यिक निरीक्षक ए एस ठाकुर ने कहा कि ट्रेन सात डिब्बों के साथ चलती है, और सोलन जाने वाली ट्रेन, जो शाम 6.30 बजे शिमला से रवाना हुई थी, में कोई यात्री नहीं था.
बता दें, कालका शिमला रेलवे, भारत के पर्वतीय रेलवे का हिस्सा है इसे 2008 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. हरियाणा में कालका से शिमला तक 96 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन 102 सुरंगों, 988 पुलों से होकर गुजरती है.