कंगना रनौत ने किया भारत बंद का विरोध, कहा- अपने लिए देश का एक टुकड़ा अब तुम भी मांग लो
भारत बंद का विरोध करने के बाद कंगना फिर से सोशल मीडिया यूज़र्स के निशाने पर आ गईं हैं.
मंगलवार को किसानों द्वारा भारत बंद के ऐलान के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने बंद का विरोध किया है. कंगना इससे पहले किसान आंदोलन पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद सोशल मीडिया यूज़र्स के निशाने पर आ गईं थीं.
आओ भारत को बंद कर देते हैं, यूँ तो तूफ़ानों कि कमी नहीं इस नाव को, मगर लाओ कुल्हाड़ी कुछ छेद भी कर देते हैं, रह रह के रोज़ मरती है हर उम्मीद यहाँ, देशभक्तों से कहो अपने लिए देश का एक टुकड़ा अब तुम भी माँग लो, आजाओ सड़क पे और तुम भी धरना दो, चलो आज यह क़िस्सा ही ख़त्म करते हैं ???? https://t.co/OXLfUWl1gb
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) December 8, 2020
मंगलवार को भारत बंद का विरोध करते हुए कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा, "आओ भारत को बंद कर देते हैं, यूं तो तूफानों की कमी नहीं इस नाव को, मगर लाओ कुल्हाड़ी कुछ छेद भी कर देते हैं, रह रह के रोज़ मरती है हर उम्मीद यहां, देशभक्तों से कहो अपने लिए देश का एक टुकड़ा अब तुम भी मांग लो, आ जाओ सड़क पे और तुम भी धरना दो, चलो आज यह क़िस्सा ही ख़त्म करते हैं."
कंगना रनौत ने इस ट्वीट में आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु के एक वीडियो को भी शेयर किया है. इस वीडियो में सद्गुरु प्रदर्शनों को लेकर कहते हैं कि इस तरह से हम आजादी से पहले की मानसिकता दिखाते हैं. उस दौर में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों का विरोध करने के लिए हिंसा की बजाय बंद करने की शुरुआत की थी. उस दौर में यह बहुत अच्छा उपाय था, लेकिन आज के लिए सही नहीं है. आजाद भारत में हम इसे सही नहीं कह सकते.
भारत बंद का विरोध करने के बाद कंगना फिर से सोशल मीडिया यूज़र्स के निशाने पर आ गईं हैं. इस ट्वीट के बाद कंगना को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है.
बता दें कि कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज भारत बंद बुलाया है. भारत बंद के तहत सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा. किसान नेताओं ने कहा है कि बंद पूरे दिन रहेगा. चक्का जाम सिर्फ दोपहर 3 बजे तक होगा. ये एक शांतिपूर्ण बंद होगा. देश के करीब दो दर्जन राजनीतिक दलों ने इस बंद का समर्थन किया है, साथ ही कई यूनियन भी किसानों के साथ आए हैं. भारत बंद के चलते आज कई जगह आवाजाही पर असर पड़ सकता है. तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं.