बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि कोहली अब टीम इंडिया के मुख्य कोच चुनने में दखल नहीं दे पाएंगे
बीसीसीआई ने टीम इंडिया के मुख्य कोच और सहयोगी स्टाफ के लिए आवेदन मंगाए हैं. ऐसे में टीम इंडिया के नए कोच और सहयोगी स्टाफ की खोज शुरू हो गई है.
लेकिन इस बार नए कोच की नियुक्ति में कप्तान विराट कोहली की बहुत ज्यादा नहीं चलेगी. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इंडियन एक्प्रेस को बताया कि पिछली बार जब अनिल कुंबले ने टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दिया था तो कप्तान के रूप में विराट कोहली ने नया कोच चुनने में दखल दिया था.
ऐसे में बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि कोहली अब टीम इंडिया के मुख्य कोच चुनने में दखल नहीं दे पाएंगे. इस बार कोहली की नहीं सुनी जाएगी.
दरअसल भारतीय क्रिकेट को चलाने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने मुख्य कोच की नियुक्ति का जिम्मा कपिल देव वाली समिति को सौंपा है. बीसीसीआई ने कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी इन तीनों को मिलाकर एक एडहॉक समिति बनाई थी. लेकिन इन तीन सदस्यों में से एक ने पीटीआई को बताया कि बीसीसीआई ने उनसे टीम इंडिया के मुख्य कोच की नियुक्ति के लिए सिर्फ संपर्क किया है.
[ये भी पढ़ें: टीम इंडिया को मिलेगा नया कोच!]
2017 में अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच मतभेदों के बाद कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद रवि शास्त्री को नया कोच नियुक्त किया था. वहीं बल्लेबाज़ी कोच, गेंदबाज़ी कोच और फील्डिंग कोच खुद रवि शास्त्री ने चुने थे.
बता दें कि बीसीसीआई ने 16 जुलाई को भारतीय टीम के मुख्य कोच, बल्लेबाज़ी कोच, गेंदबाज़ी कोच और फील्डिंग कोच के लिए आवेदन मंगाए हैं. जिसमें कहा गया था कि टीम इंडिया के मौजूदा कोचिंग स्टाफ को आवेदन की ज़रूरत नहीं है. सेलेक्शन प्रक्रिया में उनकी ऑटोमेटिक एंट्री होगी.
फिलहाल टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री हैं. सहयोगी स्टाफ में गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण, बल्लेबाज़ी कोच संजय बांगड़ और फील्डिंग कोच आर श्रीधर शामिल हैं. इन सभी का कार्यकाल विश्वकप के बाद समाप्त हो चुका है. लेकिन वेस्टइंडीज़ दौरे को देखते हुए उनका कार्यकाल 45 दिन बढ़ाया गया है.