जम्मू कश्मीर में मिली सुरंग में मिले पाकिस्तान के लाहौर में बने बिस्कुट के पैकेट
जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से लगती सीमा पर मिली सुरंग जरिए ही भारत में दाखिल हुए खे नगरोटा में मारे गए 4 आतंकवादी. सुरंग के अंदर घुसे थे सीमा सुरक्षा बल के जवान.
जम्मू कश्मीर के नगरोटा में हुई मुठभेड़ में 4 आतंकवादियों के मारे जाने के बाद से सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने जम्मू-कश्मीर के सांबा और राजौरी सेक्टर में पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इसका उद्देश्य आतंकवादियों पर पैनी नजर रखने के अलावा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली सुरंगों का पता लगाने भी है.

आपको बता दें कि 19 नवंबर को हुई मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों ने भारत में घुसपैठ के लिए 200 मीटर लंबी सुरंग का इस्तेमाल किया था.
खुफिया एजेंसियां जैश के चारों आतंकवादियों के नाम और ट्रैक रिकॉर्ड खंगालने की कोशिश कर रही हैं. इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का मानना है कि हमलावर 19 नवंबर की रात में बाहर निकलने से पहले सुरंग के अंदर रुके थे. उनका कहना है कि 173 बटालियन के कमांडेंट राठौर ने उन्हें बताया कि जैश के आतंकवादियों ने जिस सुरंग का इस्तेमाल किया, उसमें करीब 150 फीट तक सुरक्षा बल के जवान रेंगते हुए गए. सुरंग के अंदर उन्हें बिस्कुट और अन्य खाद्य सामग्री के साथ-साथ उसके पैकेट भी मिले. पैकेट पर लाहौर स्थित कंपनी 'Master Cuisine Cupcake' का नाम दर्ज है. इन पैकेटों पर निर्माण तिथि मई 2020 और एक्सपायरी डेट 17 नवंबर, 2020 अंकित है.

जानकारों ने बताया कि निश्चित रूप से सुरंग से बाहर निकलने के लिए सीमा के दूसरी ओर यानी पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को मदद दी गई होगी. खुफिया जानकारी में कहा गया है कि चारों आतंकवादियों को शकरगढ़ कैंप से लॉन्च किया गया था. रामगढ़ और हीरानगर सेक्टरों के बीच सांबा जिला के मावा की ओर ले जाया गया. उनका पिक अप प्वाइंट जटवाल गांव था.
चारों आतंकवादी किसी बड़े हमले की योजना से भारत में दाखिल हुए थे. इसे सुरक्षा बलों ने बान टोल प्लाजा के पासा नाकाम कर दिया. सुरक्षा बलों ने उनके ट्रक को रोक लिया और एनकाउंटर में सभी चार आतंकवादी मारे गए. नगरोटा के पुलिस स्टेशन में इस घटना के बारे में मामला दर्ज किया गया है.

शवों की बरामदगी से पता चलता है कि आतंकवादियों के पास एक बड़े ऑपरेशन की योजना थी. उनके पासे से 1.5 लाख रुपये (भारतीय करेंसी), वायर कटर, चीनी ब्लैक स्टार पिस्तौल, हथगोले, राइफल और विस्फोटक के अलावा नाइट्रोसेल्यूलोज ईंधन तेल, जिसका उपयोग 2019 के पुलवामा हमले में भी किया गया था, बरामद किया गया है.