मुंबई हमले के साजिशकर्ता ने मांगा पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैनिक सम्मान
इस बात की जानकारी अमेरिकी सरकार ने वहां की एक अदालत को दी है. अमेरिका के मुताबिक राणा मुंबई पर हमला करने वाले 9 अन्य आतंकवादियों का भी सम्मान चाहता था.
मुंबई हमले की साजिश रचने का आरोपी पाकिस्तानी मूल का कनाडाई कारोबारी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के मामले में 12 फरवरी को एक अमेरिकी फेडरल कोर्ट में सुनवाई होगी.
अमेरिकी सरकार ने दी जानकारी
इस बीच अमेरिकी सरकार ने कोर्ट को बताया है कि तहव्वुर राणा मुंबई के 2008 के आतंकवादी हमलों में अपने रोल के लिए ‘टॉप क्लास का मेडल’ चाहता था. इतना ही नहीं, उसने हमले में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के नौ आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना का सर्वोच्च सम्मान देने की मांग भी की थी.
भारत के राणा के प्रत्यर्पण के समर्थन में लॉस एंजिल्स में अदालत के सामने अमेरिकी अटॉर्नी निकोला टी हन्ना ने कहा कि राणा, हेडली, लश्कर के सदस्यों और अन्य सह-षड्यंत्रकारियों की योजनाएं 26 नवंबर और 29 नवंबर, 2008 को सामने आईं. जब लश्कर के दस सदस्यों ने बारह समन्वित शूटिंग और बमबारी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया.
राणा के पास प्रत्यर्पण के अनुरोध के विरोध में याचिका दायर करने के लिए 21 दिसंबर तक का समय है. अमेरिका सरकार के पास इसका उत्तर दायर करने के लिए एक और महीने का समय होगा. अमेरिका सरकार ने 28 सितंबर को अपने प्रस्ताव में राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का समर्थन किया था.
भारत में उसके खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने, युद्ध छेड़ने का षड्यंत्र रचने और हत्या करने समेत कई मामलों में आरोप तय किए गए हैं.
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मुंबई हमला मामले में तलाश है. राणा इस समय अमेरिका के लॉस एंजिलिस की एक जेल में बंद है. भारत ने अमेरिका से उसे प्रत्यर्पित करने की मांग की है.
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