किसानों और सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रही, किसान नेताओं ने वार्ता छोड़ी
मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों और सरकार के बीच मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई बातचीत बेनतीजा रही.
किसान नेताओं और सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में बातचीत बेनतीजा रही है. अब गुरुवार को एक बार फिर किसान नेता और सरकार के बीच बैठक होगी. बैठक से बाहर आए दो किसान नेताओं ने कहा कि उन्होंने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, इसलिए वो बाहर आ गए हैं. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेता बात करें आंदोलन खत्म करें.
हमारा आंदोलन जारी रहेगा। सरकार से कुछ लेकर जाएंगे। सरकार अगर शांति चाहती है तो लोगों का मुद्दा हल करे। हम मुलाकात के लिए परसों फिर आएंगे : दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह #FarmerProtests pic.twitter.com/z0qeFZL7H4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2020
किसानों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. सरकार से कुछ न कुछ लेकर रहेंगे, चाहें वह गोली हो या शांतिपूर्ण समाधान. हम उनसे बातचीत करने फिर आएंगे.
हम किसान भाइयों से आग्रह करते हैं कि आंदोलन स्थगित करें और वार्ता के लिए आएं परन्तु ये फैसला करना किसान यूनियन और किसानों पर निर्भर है : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर #FarmerProtest pic.twitter.com/Dx725kDhDN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2020
इससे पहले सरकार ने समस्या को समझने के लिए एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया. इस पर किसानों का कहना है कि सरकार चाहे जो कमेटी बना ले. लेकिन उसका नतीजा आने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
किसानों ने प्रस्ताव ठुकराया
वार्ता में मौजूद किसान नेताओं ने कमेटी के मुद्दे पर कहा है कि कमेटी बना लीजिए आप एक्स्पर्ट भी बुला लीजिए, हम तो खुद एक्स्पर्ट हैं ही. लेकिन आप ये कि हम धरने से हट जाए ये संभव नहीं है. अभी इस पर और चर्चा होनी है. किसानों को कमेटी पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमेटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

किसानों नेताओं के साथ चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''एक समिति बना देते हैं, आप अपने संगठन से चार-पांच नाम दीजिए. इस समिति में सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे. यह सभी लोग नए कानून पर चर्चा करेंगे. इसके बाद देखेंगे कि कहां गलती है और आगे क्या करना है.''
किसानों पर राजनीति
इस बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने कहा है कि किसान को परेशानी नहीं हो रही, बाकी लोगों को हो रही है. विपक्ष के साथ उन लोगों का हाथ है जो कमीशन खाते हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वीके सिंह ने कहा, ''जो चीज किसान के हित में है, वह की गई है. स्वामीनाथन आयोग में मांग की गई थी कि किसान के पास अपनी फसल बेचने की स्वतंत्रता होनी चाहिए वह किसी चीज से बंधा न रहे. सरकार ने यह कर दिया.''

वहीं हरियाणा में बीजेपी के साथ सरकार चला रही जनहित जनता पार्टी के प्रमुख अजय चौटाला ने कहा है कि किसानों की समस्या का जितना जल्द समाधान निकल जाए उतना अच्छा है. उन्होंने कहा कि हमने सरकार में बैठे लोगों से आग्रह किया है. सरकार में बैठे लोग बार-बार यह बयान देते हैं कि हम एमएसपी को जारी रखेंगे तो उसको जोड़ दें, एक लाइन लिखने में क्या दिक्कत है.