नीतीश कटारा हत्याकांड: विकास यादव को पेरोल नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पूरी करो 25 साल की जेल
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि दोषी को 25 साल की सजा दी गई थी और उसे पहले ये पूरी करनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी विकास यादव की पेरोल की अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि विकास यादव को 25 साल की जेल की सजा दी गई है और उसे पहले इसे पूरा करना होगा. यादव ने चार सप्ताह की पेरोल मांगी थी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि दोषी को 25 साल की सजा दी गई थी और उसे पहले ये पूरी करनी होगी. बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ भी विकास यादव की याचिका खारिज कर दी. यादव ने हाईकोर्ट के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना किसी राहत के उसे 25 साल की सजा पूरी करनी होगी.
विकास यादव ने कहा था कि उसने हत्याकांड में 17 साल की सजा काट ली है और इस आधार पर उसे पेरोल मिलनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने विकास के अलावा उसके चचेरे भाई विशाल यादव को भी 25 साल की सजा सुनाई थी. वहीं सह अभियुक्त सुखदेव पहलवान को 20 साल की सजा सुनाई गई थी. ये तीनों इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. इन तीनों ने मिलकर नीतीश कटारा की हत्या कर दी थी. कटारा उत्तर प्रदेश के नेता डीपी यादव की बेटी भारती से प्यार करते थे. हाईकोर्ट ने 2014 में इस हत्या को ऑनर किलिंग बताया था और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.