परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर उत्तर कोरिया की समयसीमा तय करने के क्या है मायने?
किम ने पहली बार अप्रैल में समय सीमा तय की थी, लेकिन हनोई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के साथ एक असफल शिखर सम्मेलन के बाद इस वार्ता को रोक दिया गया था. किम ने सुप्रीम पीपुल्स असेंबली को दिए एक भाषण में कहा कि जब तक अमेरिका ज़्यादा लचीला रुख नहीं अख़्तियार करता तब तक उत्तर कोरिया इंतजार करेगा.
कोरियन प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण का मुद्दा वर्षों से अटका हुआ है. अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता के बाद उम्मीद जगी थी कि शायद वर्षों पुराने इस मामले का हल निकल जाए, लेकिन उत्तर कोरिया ने रविवार को स्वीडन में अमेरिका के साथ परमाणु हथियारों को लेकर चल रही वार्ता से ख़ुद को अलग कर लिया. उत्तर कोरिया इस वार्ता के सकारात्मक नहीं रहने के लिए अमेरिका पर दोष मढ़ रहा है. वहीं, अमेरिका को उम्मीद है कि दो हफ़्ते बाद ये वार्ता फिर से शुरू हो सकती है.
उत्तर कोरिया ने वार्ता रोकने के बाद कहा कि जब तक अमेरिका उसके ख़िलाफ़ दुश्मन वाला रवैया अपनाना बंद नहीं करेगा, तब तक परमाणु वार्ता जारी रखने के कोई मायने नहीं है. उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बीच फरवरी के बाद से कई महीनों तक चल रहे गतिरोध के बाद ये चर्चा शुरू हुई थी.
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "अमेरिका द्वारा शत्रुतापूर्ण नीतियों के खत्म करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने तक इस तरह की वार्ता को चालू रखने की प्योंगयांग की कोई इच्छा नहीं है." उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की वार्ता का भविष्य अमेरिका के हाथों में है और इसकी समय सीमा इस साल के अंत तक है इसलिए 2019 के अंत तक "न्य़ू कैलकुलेशन मेथड" के साथ आना होगा.
बैठक से सार्वजनिक तौर पर कुछ भी सामने नहीं आया है. लेकिन, उत्तर कोरिया ने कुछ विवरणों को साझा किया है कि अगर चूक हुई तो वास्तव में क्या हो सकता है.
किम जोंग उन की डेडलाइन
किम ने पहली बार अप्रैल में समय सीमा तय की थी, लेकिन हनोई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के साथ एक असफल शिखर सम्मेलन के बाद इस वार्ता को रोक दिया गया था.
किम ने सुप्रीम पीपुल्स असेंबली को दिए एक भाषण में कहा कि जब तक अमेरिका ज़्यादा लचीला रुख नहीं अख़्तियार करता तब तक उत्तर कोरिया इंतजार करेगा. किम ने इसके लिए 2019 के अंत तक की समयसीमा रखी है. उत्तर कोरिया की राज्य समाचार एजेंसी केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, "अमेरिका को अपनी वर्तमान गणना पद्धति को छोड़ना होगा और हमारे पास एक नए दृष्टिकोण के साथ आना होगा."
वर्ष का अंत डेडलाइन क्यों?
किम ने कभी यह नहीं बताया कि उन्होंने 2019 के अंत को समय सीमा के रूप में क्यों चुना. लेकिन, विश्लेषकों का मानना है कि किम नए साल के मौक़े पर बड़ी घोषणा करना चाहते हैं और इसी लिहाज़ से उन्होंने 2019 की समयसीमा तय की है.
मिसाल के लिए, किम ने 2018 की शुरुआत में अपने नए साल के भाषण में पारंपरिक तकरार वाले पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया के साथ जुड़ने में रुचि का संकेत दिया. इसके बाद किम ने अपने 2019 के नए साल के भाषण में उग्र अंदाज़ में कहा था कि अमेरिका एकतरफ़ अंदाज़ में उत्तर कोरिया पर फ़ैसले ले रहा है और अपनी सीमा और संप्रभुता को बचाने के लिए उत्तर कोरिया नए रास्ते अख़्तियार करेगा.
बीते एक साल से ट्रम्प और किम तीन बार मिल चुके हैं. इस दौरान दोनों मुल्कों के बीच कई मसलों पर सहमति बनी, लेकिन परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर अब भी आम सहमति नहीं बन पाई है और इसी मुद्दे पर पिछले कई साल से सबसे ज़्यादा तकरार है.