अंतरिक्ष में 397 साल बाद फिर करीब आ रहे बृहस्पति और शनि
सौरमंडल में 21 दिसंबर को एक बड़ी खगोलीय घटना देखने को मिलेगी. इस दौरान हमारे सौर मंडल के दो बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि एक दूसरे के बेहद नजदीक आ जाएंगे. ये दोनों ग्रह इससे पहले 17वीं शताब्दी में महान खगोलविद गैलीलियो के जीवनकाल में इतने पास आए थे.
अंतरिक्ष में करीब चार सौ साल बाद 21 दिसंबर को अनोखा नजारा दिखेगा. साल का सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात 21 दिसंबर को होगी. साथ ही सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि (Jupiter and Saturn) एक-दूसरे के बहुत करीब आएंगे. एक चमकदार तारे की तरह दिखने का यह दुर्लभ नजारा आसमान में देखा जा सकेगा. ऐसा दुर्लभ संयोग करीब 397 साल बाद बन रहा है. यह स्थिति सूर्योदय के दौरान सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर नजर आएगी.
इससे पहले जुलाई, 1623 में दोनों ग्रह इतने करीब आए थे लेकिन सूर्य के नजदीक होने की वजह से उन्हें देख पाना लगभग असंभव था. वहीं, उससे पहले मार्च, 1226 में दोनों ग्रह करीब आए थे और इस घटना को धरती से देखा जा सकता था. इसके बाद से अब तक पहली बार हो रहा है जब यह खगोलीय घटना हो रही है और इसे देखा भी जा सकता है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि हमारे सौरमंडल में दो बड़े ग्रहों का नजदीक आना बहुत दुर्लभ नहीं है. बृहस्पति ग्रह अपने पड़ोसी शनि ग्रह के पास से हर 20 साल पर गुजरता है, लेकिन इसका इतने नजदीक आना ख़ास है. वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों ग्रहों के बीच उनके नजरिए से सिर्फ 0.1 डिग्री की दूरी रह जाएगी. अगर मौसम स्थिति अनुकूल रहती है तो ये आसानी से सूर्यास्त के बाद दुनिया भर से देखे जा सकते हैं.
वहीं एम पी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देबी प्रसाद दुआरी ने रविवार को कहा कि दोनों ग्रहों को सन 1623 के बाद से यानी पिछले 397 साल में कभी इतने करीब नहीं देखा गया है. बृहस्पति और शनि के बीच अगला ऐसा संयोग 60 साल बाद ही दिखेगा.
देबी प्रसाद के मुताबिक, जब दो खगोलीय पिंड पृथ्वी से एक दूसरे के बहुत करीब नजर आते हैं तो इस घटनाक्रम को ‘संयोजन' कहते हैं. लेकिन शनि और बृहस्पति के इस तरह के करीबी मिलन को ‘ग्रेट कंजक्शन' कहते हैं. बृहस्पति और शनि इसके बाद 60 साल बाद 15 मार्च 2080 को दोबारा इतने करीब होंगे. देबी प्रसाद ने कहा कि 21 दिसंबर को दोनों ग्रहों के बीच की दूरी करीब 73.5 करोड़ किलोमीटर होगी. हर दिन ये दोनों एक दूसरे के थोड़े करीब आते जाएंगे.
21 दिसंबर के पहले भी दोनों ग्रह धीरे-धीरे एक-दूसरे के नजदीक आते दिखते रहेंगे. इस अद्भुत खगोलीय घटना को कैमरों में कैद करने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. भारत में भी प्लैनेटोरियम में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है.
सौरमंडल का 5वां ग्रह गुरु और 6वां शनि हर 20 साल में करीब आते हैं. लेकिन, सदियों बाद ये ग्रह एक-दूसरे के सबसे ज्यादा करीब होंगे. अगला कंजक्शन 5 नवंबर 2040 और 10 अप्रैल 2060 को होगा. लेकिन ग्रेट कंजक्शन की स्थिति 15 मार्च 2080 को बनेगी.
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