नवंबर में केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और पूरे देश में स्टॉक सीमा लागू कर दी थी. लेकिन उसके बावजूद कीमतें आसमान छू रही है.
प्याज़ के बढ़ते दाम आम लोगों और सरकार को रुला रहे हैं. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्याज़ के दाम कम नहीं हो रहे हैं. मेट्रो शहरों में प्याज़ की कीमत सौ रुपये प्रति किलो से अधिक हो गई है.
मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में शुक्रवार को प्याज़ 100 रुपए से 120 रुपए प्रति किलो की दर से बिका. ऐसे में आम लोगों की किचन और खाने की प्लेट से प्याज़ दूर हो गया है.
बाज़ार का रुख देखे तो फिलहाल आम लोगों को प्याज़ की बढ़ती कीमतों से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. अगले 2 हफ्तों तक प्याज़ की कीमतें कम होने के आसार नहीं हैं.
देश के इतिहास में पहली बार थोक बाज़ार में प्याज़ का भाव 100 रुपये प्रति किलो के पार चला गया है.
बिहार में हेलमेट पहनकर बेचा जा रही है प्याज़
महंगाई से त्रस्त लोगों को राहत पहुंचाने के लिए बिहार के स्टेट कॉपरेटिव मार्केटिंग यूनियन ने सस्ते दामों में प्याज़ को आम लोगों तक पहुंचाने का काम शुरू किया है.
लेकिन यूनियन के कर्मचारी हेलमेट पहनकर प्याज़ बेचते नजर आ रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि कई बार उन्हें पत्थरबाज़ी का शिकार होना पड़ता है. लेकिन उनके पास सुरक्षा का और कोई साधन नहीं है. ऐसे में हेलमेट ही उनका इकलौता सहारा है.
Patna:Onions at Bihar State Cooperative Marketing Union Limited counter being sold at 35/kg. Officials at counters wearing helmets. Rohit Kumar,official says 'there have been instances of stone pelting&stampedes,so this was our only option. No security has been provided to us.' https://t.co/YVjK1rhzKM pic.twitter.com/yoR6OdSfeu
— ANI (@ANI) November 30, 2019
स्टेट कॉपरेटिव यूनियन 35 रुपए किलो की दर से प्याज़ बेच रही है. ऐसे में उसके काउंटरों के आसपास सैंकड़ों की संख्या में आम लोग पहुंच रहे हैं.
विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
प्याज़ की बढ़ती किमतों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार बढ़ते दामों को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठा रही है. कांग्रेस ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया.
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा के लिए नोटिस दिया.
आप कैसे राष्ट्रवादी है जी?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 29, 2019
क्या देशहित में BJP के लिए 100₹ किलो प्याज़ नहीं खा सकते?
100₹ किलो प्याज़= मास्टरस्ट्रोक
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर निशाना साधा. तेजस्वी ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ''आप कैसे राष्ट्रवादी हैं जी? क्या देशहित में BJP के लिए 100₹ किलो प्याज़ नहीं खा सकते? 100₹ किलो प्याज़= मास्टरस्ट्रोक.''
प्याज़ की किमतों पर एनसीपी ने भी सरकार पर सवाल उठाए हैं. एनसीपी नेता माजिद मेमन ने कहा कि पहले हम सुनते थे कि गरीब लोग प्याज़ और रोटी खाते थे. लेकिन जिस तरीके से प्याज़ के दाम इस वक्त बढ़ रहे हैं उसको अब गरीब भी नहीं खा सकते हैं, गरीबों का खाना भी छूट रहा है.
वहीं बिहार और असम में तो विधानसभा के बाहर विपक्षी पार्टियों ने प्याज़ की बढ़ती महंगाई को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया.
प्याज़ के आगे सरकार भी लाचार
प्याज़ की बढ़ती किमतों से आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए. लेकिन उनसे ज्यादा फायदा होता नहीं दिख रहा है. नवंबर में केंद्र सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और पूरे देश में स्टॉक सीमा लागू कर दी थी.
इस दोनों कदमों के बाद सरकार को उम्मीद थी की नवंबर में प्याज़ के दाम गिरेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
हॉर्टिकल्चर एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के मुताबिक सरकार ने आयात मानदंडों में ढ़ील तो दी लेकिन इससे आयातकों में कोई उत्साह नहीं आया.
कुछ ट्रेडर्स तुर्की, मिस्र, दुबई से प्याज़ मंगवा रहे हैं. लेकिन देश आने में करीब 20 दिन का समय लगने की वजह से वहां से भी कोई राहत नहीं मिल रही है.
बता दें कि पहले देर से आए मॉनसून और फिर महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश ने प्याज़ की फसलों को बरबाद कर दिया. ऐसे में बाज़ार में प्याज़ की आवक कम रही और दाम बढ़ने लगे.
लगातार तीन महीनों से प्याज़ के दाम बढ़ते जा रहे है.