बुरी खबर : देश की केवल 3 फीसदी कंपनियां ही नई भर्ती के बारे में सोच रही हैं
यह बात निकलकर सामने आई है मैनपावर ग्रुप इंप्लायमेंट आउटलुक सर्वे में. इस सर्वे के मुताबिक केवल 7 फीसदी कंपनियां ही पेरोल में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही हैं.
भारत में इस समय बेरोजगारी चरम पर है. ऐसे में एक और खतरनाक संकेत सामने आया है. एक सर्वे के मुताबिक केवल 3 फीसदी कंपनियां की अपने यहां कर्मचारियों की भर्ती के बारे में सोच रही हैं. यह सर्वे 800 से अधिक कंपनियों पर किया गया. इसके नतीजे मंगलवार को सामने आए.

मैनपावर ग्रुप इंप्लायमेंट आउटलुक सर्वे में देश भर के 813 कंपनियों को शामिल किया गया. भारतीय कंपनियां 2020 की अंतिम तिमाही में भर्ती को लेकर बहुत सोच-समझ कर योजना बना रही हैं.
सर्वे के नतीजे
सर्वे के नतीजों के मुताबिक केवल 7 फीसदी कंपनियां ही पेरोल में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही हैं. वहीं 3 फीसदी कंपनियों ने वेतन में कटौती की भविष्यवाणी की और 54 फीसदी ने उम्मीद जताई कि कोई बदलाव नहीं होगा.
हर साल होने वाला यह सर्वेक्षण 15 साल पहले शुरू किया गया था. इन 15 सालों में नई नियुक्तियों की सबसे कम संभावना इसी साल नजर आई है.
सर्वे के मुताबिक भर्तियों को लेकर सबसे अधिक तेजी छोटे आकार के संस्थाओं में देखी गई. इसके बाद मध्यम दर्जे के संगठनों और बड़े आकार के संगठनों में यह तेजी देखी गई. वहीं क्षेत्र के आधार पर देखें तो उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में नौकरियों की संभावना ज्यादा है, पश्चिम और दक्षिण की तुलना में.
मैन पॉवर ग्रुप के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी कहते हैं, '' कंपनियां बाजार की मांग के मुताबिक अपने आकार को ठीक करने में जुटी हुई हैं. वो अब उत्पादकता बढ़ाने की ओर देख रही हैं. वो नए तरीके से कर्मचारियों को इंगेज कर रही हैं और पुराने कर्मचारियों को बुला रही हैं और तकनीकी के इस्तेमाल पर जोर दे रही हैं. ''
उन्होंने कहा कि सरकार भी कई तरह के तरीके अपना कर कॉरपोरेट इंडिया पर आए भार को कम करने की कोशिश कर रही है. वह श्रम कानूनों का लचीला बना रही है और टैक्स रिटर्न को आसान बना रही है. उम्मीद है कि इन उपायों का असर आने वाली तिमाहियों में दिखाई दे.

इस सर्वेक्षण में करीब 44 फीसदी कंपनियों ने कहा कि अगले 9 महीनों में वो कोरोना से पहले वाले हालात में आ सकते हैं. वहीं 42 फीसदी ने नई नौकरियां देने के मामले में पहले की तरह की स्थिति में लौटने पर आशंका जताई.
जब कंपनियों से यह पूछा गया कि क्या कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों को क्या हटा दिया है, तो 42 फीसदी ने कहा कि वो उनको काम के कम घंटों के साथ वापस लाने की योजना बना रहे हैं. वहीं 3 फीसदी ने कहा कि इन कर्मचारियों का जाने दिया जाएगा.
मैनपॉवर ग्रुप की ओर से 42 देशों में किए गए सर्वे में 22 नियोक्ताओं ने कहा कि दिसंबर 2020 तक कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं 16 देशों और क्षेत्रों के नियोक्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों के वेतन में कटौती हो सकती है. वहीं 5 देशों ने बिना किसी काट-छांट के भर्ती की बात कही.कामगारों के लिए सबसे बढ़िया बाजार अमेरिका, तुर्की, जापान और ग्रीस है. वहीं सबसे खराब स्थिति पनामा, कोस्टा रिका, दक्षिण अफ्रीका, कोलंबिया और ब्रिटेन की है.