पाकिस्तान का कबूलनामा, पुलवामा में हमला इमरान खान की सरकार ने करवाया था
पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने गुरुवार को संसद में कहा कि पुलवामा में जो कामयाबी मिली है, वो इमरान खान की हुकूमत की अगुआई में कौम की कामयाबी है.
पाकिस्तान ने आखिरकार यह कबूल कर लिया है कि पुलवामा में हमला उसने करवाया था. प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने गुरुवार को संसद में कहा कि पुलवामा में पाकिस्तान की कामयाबी, हमारी कौम की कामयाबी है.
Meri jaan hear full speech so you will know unlike #Endian definition of #GhussKMarna by using terrorism n Kalbhoshans our #GhussKMarna is when our planes target combat installations,unlike Your security doctrine we do not show Bravery by killing innocents n we condemn terrorism https://t.co/bcAcJUP5DD
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) October 29, 2020
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए आत्मघाती हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे.
इमरान खान के मंत्री ने क्या कहा
फवाद हुसैन संसद में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के नेता अयाज सादिक के उस बयान पर जवाब दे रहे थे, जिसमें सादिक ने कहा था कि भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को हिरासत में लिए जाने के वक्त एक मीटिंग में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी डरे हुए थे और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के पैर कांप रहे थे.

फवाद चौधरी ने कहा, ''सादिक कह रहे थे कि उनकी टांगें कांप रही थीं. मैं कहता हूं कि हमने हिंदुस्तान को घुसकर मारा है. पुलवामा में जो कामयाबी मिली है, वो इमरान खान की हुकूमत की अगुआई में कौम की कामयाबी है. उस कामयाबी के हिस्सेदार आप लोग हैं और हम लोग हैं. ये हम लोगों के लिए फख्र का मौका है.''
पीएमएल-एन नेता सादिक ने बुधवार को पाकिस्तानी संसद में कहा था कि अभिनंदन के मुद्दे को लेकर कुरैशी ने पीपीपी, पीएमएल-एन और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा समेत दूसरे नेताओं के साथ बैठक की थी. मुझे याद है कि मीटिंग के दौरान आर्मी चीफ बाजवा कमरे में आए, उस समय उनके पैर कांप रहे थे और वे पसीना-पसीना थे.
पुलवामा हमला
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के अवन्तीपुरा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था. गोरीपुरा गांव के पास हुए इस हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे.

आतंकवादियों ने 350 किलो विस्फोटक से लदी गाड़ी सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रही बस से टकरा दी थी. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. यह कश्मीर में 30 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला था.