मार्च से अब तक जम्मू-कश्मीर में 50 सुरक्षाकर्मियों की मौत, तीन साल में 4,132 अर्धसैनिक बल मारे गए, सरकार ने दी जानकारी
इस साल एक मार्च से 31 अगस्त तक जम्मू कश्मीर में 138 आतंकवादी मारे गए.
सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि इस साल एक मार्च से 31 मार्च तक जम्मू कश्मीर में 138 आतंकवादी मारे गए और इस अवधि में सीमापार से गोलीबारी में 50 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एकेपी चिनराज और एस जगतरक्षकण के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि जम्मू कश्मीर पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से सीमापार से प्रायोजित और समर्थित आतंकवाद से प्रभावित है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है.
इसके परिणाम स्वरूप इस साल एक मार्च से 31 अगस्त तक जम्मू कश्मीर में 138 आतंकवादी मारे गए. रेड्डी ने कहा कि इस छह माह की अवधि में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं और युद्ध विराम उल्लंघन की घटनाओं या सीमापार से गोलीबारी में 50 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
एंटो एंटनी के एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पिछले साल अगस्त से लेकर इस साल जुलाई तक जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के 176 प्रयास किये गये और अनुमान है कि 111 बार आतंकियों ने घुसपैठ की.
तीन वर्ष में अर्धसैनिक बलों के 4,132 लोगों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई: मंत्री
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच अर्धसैनिकों बलों के कुल 4,132 लोगों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई. उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. राय ने कहा कि जिन लोगों की मौत हुई उनमें राजपत्रित अधिकारी और दूसरे अधिकारी शामिल हैं.
मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ के 1,597 लोगों की मौत हुई. उन्होंने बताया कि इस दौरान बीएसएफ के 725, सीआईएसएफ के 671, आईटीबीपी के 429, एसएसबी के 329 और असम राइफल्स के 381 कर्मियों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई.