सज़ा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद हैं हज़ार से ज़्यादा क़ैदी, यूपी के बाद मिज़ोरम, केरल और असम टॉप पर
सरकार ने इसी जवाब में बताया कि देश में कुल 1031 क़ैदी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पूरी सज़ा काट ली है, फिर भी वे जेल में बंद हैं. इसकी वजह है इन क़ैदियों द्वारा अपने ऊपर लगे ज़ुर्माने का भुगतान नहीं कर पाना.
देश की अलग-अलग जेलों में बंद लाखों क़ैदियों के आंकड़े हर साल राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो सार्वजनिक करता है. NCRB की चर्चित रिपोर्ट Prison Statistics in India में क़ैदियों से जुड़े लगभग सारे आंकड़े होते हैं, लेकिन राज्यसभा में फुलो देवी नेतम एक सवाल के जवाब में सरकार ने दिलचस्प जवाब दिया. नेतम ने सरकार से जेल की क्षमता से ज़्यादा क़ैदियों के रखे जाने, आधी सज़ा काट चुके, पूरी सज़ा काट चुके क़ैदियों के साथ-साथ विचाराधीन क़ैदियों से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक करने को कहा.
जवाब में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने 31 दिसंबर 2019 तक के आंकड़े जारी किए. इन आंकड़ों के मुताबिक़ देश की जेलों में क़ैदियों को रखने की कुल क्षमता 4 लाख 3 हज़ार 739 है, लेकिन वहां 4 लाख 78 हज़ार 600 क़ैदी बंद हैं. यानी जेल की क्षमता से 74 हज़ार 861 ज़्यादा क़ैदी बंद किए गए हैं.
जिन राज्यों में क्षमता से ज़्यादा क़ैदी बंद हैं उनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मिज़ोरम, पंजाब, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दमन-दीव और दिल्ली शामिल हैं. 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्षमता से कम क़ैदी जेलों में बंद हैं.
सज़ा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद हैं हज़ार से ज़्यादा क़ैदी
सरकार ने इसी जवाब में बताया कि देश में कुल 1031 क़ैदी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पूरी सज़ा काट ली है, फिर भी वे जेल में बंद हैं. इसकी वजह है इन क़ैदियों द्वारा अपने ऊपर लगे ज़ुर्माने का भुगतान नहीं कर पाना. सिर्फ़ 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां एक भी क़ैदी सज़ा पूरी करने के बाद जेल में बंद नहीं है, बाक़ी 24 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की जेलों में ऐसे क़ैदी मौजूद हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ पूरी सज़ा काटने के बावजूद सबसे ज़्यादा 192 क़ैदी उत्तर प्रदेश में बंद हैं. इसके बाद मिज़ोरम में 114, केरल में 111, असम में 106, मध्य प्रदेश में 78, पंजाब में 67 और राजस्थान में 66 क़ैदी जेलों में सड़ रहे हैं.
दोषी से ज़्यादा विचाराधीन क़ैदी हैं जेलों में
सरकार के आंकड़े बताते हैं कि जेलों में बंद क़ैदियों में बड़ी संख्या उन लोगों की है, जिन पर दोष साबित नहीं हुआ है. कुल 4 लाख 78 हज़ार क़ैदियों में से 3 लाख 30 हज़ार ऐसे हैं जो विचाराधीन हैं. यानी जिन पर दोष अब तक साबित नहीं हुआ है.
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