बिहार विधानसभा चुनाव टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका, बाढ़ और कोरोना को बनाया आधार
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका राष्ट्रवादी जनता पार्टी ने दायर की है. यह एक रजिस्टर्ड राजनीतिक दल है.इसका कहना है कि बिहार में आई बाढ़ की वजह से लाखों लोग बेघर हो गए हैं.
इस साल अक्तूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा के चुनाव को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.इसके लिए कोरोना महामारी और बाढ़ की विभिषिका को कारण बताया गया है. याचिका में इसको लेकर चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट 28 अगस्त को इसी तरह की एक याचिका को खारिज कर दिया था. उस याचिका में मांग की गई थी कि पूरी तरह कोरोना वायरस के खात्मा होने तक चुनाव को स्थगित किया जाए. याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव स्थगित करने का यह आधार नहीं हो सकता है. अदालत का कहना था कि कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग सभी बातों पर गौर करेगा.
सुप्रीम कोर्ट में ताजा याचिका राष्ट्रवादी जनता पार्टी की ओर से दायर की गई है. यह एक रजिस्टर्ड राजनीतिक दल है. इस पार्टी के अध्यक्ष अनिल भारती ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग को चुनाव रद्द करने के लिए निर्देश देने की मांग की है. इस साल अक्तूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं.
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि बिहार विधानसभा के चुनाव को मार्च 2021 में किसी समय कराया जाए, क्योंकि कोरोना महामारी इस समय पूरे देश में चरम पर है. इसके आगे भी जारी रहने की आशंका है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि इस समय विहार बाढ़ की विभिषिका झेल रहा है.
याचिकाकर्ता की दलील है कि भारत इस समय कोरोना महामारी का केंद्र बना हुआ है. इसके अलावा बिहार बाढ़ से भी तबाह है. इसकी वजह से लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा है.
इस याचिका में चुनाव आयोग के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय, राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को पार्टी बनाया गया है.
याचिका में कहा गया है कि विधानसभा के चुनाव को टालने के लिए पार्टी ने 30 जून को चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी थी. लेकिन आयोग ने उस पर कोई फैसला नहीं किया है.