सामाजिक मुद्दों, विरोध-प्रदर्शनों, मानवीय त्रासदियों की तस्वीरें...
भारत समेत कई दूसरे देशों के सामाजिक मुद्दों, विरोध-प्रदर्शनों, मानवीय त्रासदियों को खूबसूरत तरीक़े से तस्वीरों में क़ैद किया गया है. यह तस्वीरें दर्शकों को समाज और राजनीति पर सोचने को मजबूर करती हैं और कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती हैं.
ऑल इंडिया फाइन ऑर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी में इन दिनों विश्व के चालीस बेहतरीन युवा फोटोजर्नलिस्ट्स द्वारा ली गई तस्वीरों की प्रदर्शनी चल रही है. यहां भारत, इटली, रशिया, इजिप्ट, बांग्लादेश और दूसरे देशों के सामाजिक मुद्दों, विरोध-प्रदर्शनों, मानवीय त्रासदियों की तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई गई है.
बिन शब्दों के बहुत कुछ बयां करती यह तस्वीरें दर्शकों को समाज और राजनीति पर सोचने को मजबूर कर देती हैं. कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती हैं. प्रदर्शनी में रोहिंग्या शरणार्थियों और बांग्लादेशी प्रवासियों पर हुए अत्याचारों की तस्वीरें भी मौजूद हैं.
आंद्रेई स्टेनिन इंटरनेशनल फोटो प्रतियोगिता के विजेताओं में भारत के चार विजेताओं द्वारा ली गई तस्वीरें शामिल हैं. विजेता डे शांतनू ने भारत की बहरूपिया विधा को अपनी तस्वीरों में कैद कर अपना स्थान बनाया है.
अमति मौलिक और अयानवा सिल ने खेल प्रतियोगिताओं को विषय बना कर तस्वीरें लीं और इस प्रतियोगिता में स्थान बनाया. इन सभी तस्वीरों को प्रदर्शनी में देखा जा सकता है.
अयानवा सिल - स्व प्रशिक्षित फ़ोटोग्राफ़र - "स्पोर्ट्स" श्रेणी में विजेता : पवित्र मानी जाने वाली नदी गंगा में पानी के पोलो खेलते हुए फोटो ली है. देबाचरण चटर्जी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों पर हुए अत्याचारों के विरोध प्रदर्शन को तस्वीरों में कैद किया है.
इटालियन ग्रां प्री विजेता गैब्रिएल सेकोनी द्वारा ली गई फोटोग्राफिक सीरीज़ द व्रीटेड एंड द अर्थ, मनुष्य और प्रकृति के बीच जबरन टकराव के बारे में एक दुखद कहानी बयान करती है.
प्रदर्शनी की अन्य तस्वीरों में फ्रांस से फ्रांसिस रूसो ने विंड सर्फ करती श्रीलंका की महिलाओं को अपनी तस्वीरों का विषय बनाया है. दक्षिण अफ्रीका के जस्टिन सुलिवन की सबसे चौंका देने वाली तस्वीरों में से एक है जिसने माई प्लैनेट श्रेणी में पहला पुरस्कार जीता है. इसमें एक अफ्रीकी हाथी को दिखाया गया है जिसे उत्तरी बोत्सवाना में हाथी दांत के शिकार शिकारियों ने मार दिया था. यह प्रदर्शनी 5 दिसंबर तक सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहेगी. इसे रूस और यूनेस्को ने मिलकर आयोजित किया है. आंद्रेई स्टेनिन इंटरनेशनल प्रेस फोटो प्रतियोगिता का उद्देश्य युवा फ़ोटोग्राफ़रों को प्रोत्साहन देना और फोटो पत्रकारों को जनता के साथ सीधे तौर पर जोड़ना है.