पॉडकास्ट सीरीज: 'क्रिकेट के बड़े विवाद' l EP-12 l ऑस्ट्रेलिया बॉल टेंपरिंग 2018
कैमरा टीम के पास गेंद के साथ छेड़खानी की फुटेज तो थी लेकिन वो ये बताने की पोजीशन में नहीं थी कि एग्जैक्टली हुआ क्या था? ऐसे में कुछ ज़्यादा हो भी नहीं सकता था. यहीं पर ब्रॉडकास्ट टीम का वो मास्टर मूव सामने आया, जिसने बैनक्राफ्ट एंड टीम को बड़ी गलती करने पर मजबूर कर दिया. प्रसारणकर्ताओं ने बैनक्राफ्ट की वो फुटेज बड़ी स्क्रीन पर दिखा दी, जिसमें वो गेंद पर कुछ घिसकर उसे जेब में रख रहे थे.
24 मार्च, 2018...क्रिकेट इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है. इस दिन हुआ स्कैंडल जितना बड़ा है, उसके पीछे का घटनाक्रम उतना ही रोमांचकारी है. इसी दिन डेविड वॉर्नर (David Warner), स्टीव स्मिथ (Steve Smith) और कैमरून बैनक्राफ्ट (Cameron Bancroft) ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉल टेंपरिंग कर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पर ना धुलने वाला दाग लगाया था. स्टेडियम में बैठे हजारों दर्शकों और टीवी पर देख रहे लाखों फैंस को यकीन नहीं हुआ कि जीत के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम ऐसा भी कर सकती है.
दरअसल केपटाउन में साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था. मैच के तीसरे दिन साउथ अफ्रीका 1 विकेट पर 65 रन बनाने के बाद मजबूत स्थिति में थी, उसके पास कुल 121 रनों की बढ़त हो गई थी. इसके बाद जो हुआ उसका अंदाजा किसी को नहीं था.
उस दिन ऑस्ट्रेलिया कुछ तो गड़बड़ कर रही है इसका शक कुछ लोगों को होने लगा था. जो गेंद 35-40 ओवर के बाद रिवर्स स्विंग होनी चाहिए थी, वो काफी पहले हो रही थी. सामान्य हालात में ऐसा नामुमकिन था. पाकिस्तान जैसी सूखी पिचेस पर तो शायद ये मान भी लेते लेकिन साउथ अफ्रीका की घासभरी पिचों पर ये कैसे हो पा रहा है, ये एक मिस्ट्री हो गई थी. इस मिस्ट्री से परेशान कुछ लोगों में साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ फैनी डिविलियर्स भी शामिल थे.

फैनी उस वक्त टीवी कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे थे. उन्हें बड़ी शिद्दत से महसूस हुआ कि कुछ तो गड़बड़ है और उन्होंने कैमरा टीम को आगाह कर दिया. फैनी की चेताई कैमरा टीम फुल अलर्ट हो गई. कैमरा टीम के लोग मैदान पर एक-एक चीज़ परखने लगे. जल्द ही उन्हें पता लग गया कि कौनसा आदमी उनका शिकार होने वाला है.... और वो था कैमरून बैनक्राफ्ट. यही आदमी था, जो अजीब तरह से बिहेव कर रहा था. कई कैमरे बैनक्राफ्ट की पल-पल की हरकत पर नज़र रखने लगे.
वैसे भी कैमरा टीम की निगाह हर वक़्त बॉल पर रहती है. सुपरस्पोर्ट के प्रोडक्शन हेड एल्विन नेइकर ने बताया कि पहले ख़ास बैनक्राफ्ट पर नज़र नहीं थी. जिसके भी पास गेंद जाती है, कैमरा फॉलो करता ही है. एक वक़्त में सात कैमरे गेंद को देख रहे होते हैं. चाहे खेल चल रहा हो या नहीं. ये तो था ही, साथ ही फैनी डिविलियर्स की दरख्वास्त पर कैमरा टीम एक्स्ट्रा चौकन्ना हो गई थी. बैनक्राफ्ट के बचने का कोई चांस नहीं था.
कैमरून बैनक्राफ्ट ने बॉल को चमकाने के बहाने अपने हाथों में ली... बस फिर क्या था एक कैमरे ने बैनक्राफ्ट को बॉल पर कुछ घिसते और उस 'कुछ' को जेब में छिपाते पकड़ लिया. उस वक़्त जो पकड़ाई में नहीं आया था वो ये कि वो 'कुछ' था क्या?

कैमरा टीम के पास गेंद के साथ छेड़खानी की फुटेज तो थी लेकिन वो ये बताने की पोजीशन में नहीं थी कि एग्जैक्टली हुआ क्या था? ऐसे में कुछ ज़्यादा हो भी नहीं सकता था. यहीं पर ब्रॉडकास्ट टीम का वो मास्टर मूव सामने आया, जिसने बैनक्राफ्ट एंड टीम को बड़ी गलती करने पर मजबूर कर दिया. प्रसारणकर्ताओं ने बैनक्राफ्ट की वो फुटेज बड़ी स्क्रीन पर दिखा दी, जिसमें वो गेंद पर कुछ घिसकर उसे जेब में रख रहे थे.
अब इस फुटेज से हंगामा शुरू होना ही था. बैनक्राफ्ट ने इसे दो बार देखा. वो बहुत डर गए. साथ ही वो लोग भी डर गए जिन्हें इस साजिश का पता था. जोटानी ऑस्कर नाम के एक स्मार्ट कैमरामैन ने दिमाग का सही इस्तेमाल किया. उन्होंने तुरंत कैमरा ड्रेसिंग रूम की ओर मोड़ दिया. इसी वजह से वो फुटेज भी रिकॉर्ड में आ सकी जिसमें पहले ऑस्ट्रेलियाई कोच डैरेन लेहमन (Darren Lehmann) वॉकी-टॉकी पर पीटर हैंड्सकोंब से बात करते हैं और उसके तुरंत बाद हैंड्सकोंब मैदान में जाकर बैनक्रॉफ्ट से बात करते हैं.
हैंड्सकोंब से बात करके पहले से डरे बैनक्राफ्ट और डर गए और इस डर ने उनसे वो करवा दिया, जिसने उनके गुनाह पर मुहर लगाने का काम किया. उन्होंने उस 'कुछ' को...जो कि एक टेप का टुकड़ा था छुपाने की कोशिश की. पहले से तैयार कैमरे ने ये भी रिकॉर्ड लिया. ये साफ-साफ रिकॉर्ड हुआ कि कैमरून बैनक्राफ्ट ने अपने ट्राउजर में कोई पीली चीज़ छुपाई है.

इसके बाद तो मामला पूरी तरह से बिगड़ गया. इसे छुपाने के कुछ ही देर बाद जब बैनक्राफ्ट को अंपायरों ने बुलाया था, तो उन्होंने सिर्फ जेब में क्या है ये पूछा था. बैनक्राफ्ट ने एक काला कपड़ा निकालकर दिखाया था, जिसके बारे में उनकी सफाई थी कि वो इससे चश्मा साफ करते हैं. अंपायरों ने ये सफाई मान ली थी. उन्होंने खुद बैनक्राफ्ट की जेबें नहीं तलाशी थीं. अंपायरों ने गेंद को खेलने लायक बताया और खेल फिर से शुरू हो गया. लेकिन ये मामला यहीं ख़त्म नहीं बल्कि यहां से शुरू हुआ था क्योंकि कैमरा टीम ने सबकुछ कैद कर लिया था.

दिन का खेल ख़त्म हुआ और प्रेस कांफ्रेंस का नंबर आया तो सामने स्टीव स्मिथ और कैमरून बैनक्राफ्ट दोनों बैठे दिखे. सबसे पहले तो बैनक्राफ्ट ने ये क़ुबूल किया कि उन्होंने एक बाहरी चीज़ के इस्तेमाल से गेंद की स्थिति को बदलने की कोशिश की थी. वो चीज़ थी टेप. उन्होंने टेप की मदद से गेंद की कंडीशन बदलनी चाही थी. लेकिन फिर जब उन्हें लगा कि अंपायरों का ध्यान उनकी तरफ है तो वो इस कदर डर गए कि उसे अपने ट्राउजर के अंदर छुपाने लगे. हुआ ये कि उनकी ये हरकत टीवी कैमरा में कैद हो गई.
इसके बाद बारी थी ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ की. स्टीव स्मिथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "ये एक अहम मैच है और जब गेंद से हरकत होती नहीं दिख रही थी तो टीम के खिलाड़ियों ने कुछ ऐसा करने का फैसला लिया जिससे वो खेल में वापसी कर सकें. ये हमारी गलती थी अब कभी ऐसा नहीं होगा. लीडरशिप ग्रुप को इस बारे में पता था. हमने लंच में इसपर बात की थी और जो हुआ उसपर मुझे गर्व नहीं है. ये खेलभावना के खिलाफ है. मेरी, टीम की और लीडरशिप ग्रुप की ईमानदारी पर सवाल है. ये सही भी है. मैं वादा करता हूं कि ये फिर से नहीं होगा. मैं इससे सीखूंगा और वापसी करूंगा. यहां बैठकर ये सब कहते हुए मुझे शर्म आ रही है."

वहीं उप-कप्तान डेविड वॉर्नर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फैंस से माफी मांगी थी. वॉर्नर मीडिया के सामने फूट-फूट कर रोए. वॉर्नर ने कहा था कि मैं यहां केपटाउन में खुद की भूमिका और मैंने जो किया उसकी जिम्मेदारी लेने आया हूं. जो की माफी के लायक भी नहीं है. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के उप-कप्तान के तौर पर मैं अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में नाकामयाब रहा हूं. मैं बस देश को क्रिकेट खेलकर उनपर गर्व करने का मौका देना चाहता था. मैं जब तक जिंदा रहूंगा तब तक मुझे इस गलती का एहसास रहेगा, मैं हमेशा पछताता रहूंगा.

इसके बाद तो ऑस्ट्रेलिया में जैसे हड़कंप सा मच गया और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष जेम्स सदरलैंड ने इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट पर एक धब्बा बताया. इस विवाद ने तूल पकड़ ली और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया समेत ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को भी इस मामले में कूदना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को निर्देश दिया कि स्टीव स्मिथ को कप्तानी से हटा दे.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने इस घटना को दुखद बताते हुए इसे 'शर्मनाक' करार दिया था. उन्होंने कहा था, "आदर्श टीम ऐसा करेगी उम्मीद नहीं करता. हैरान हूं."
वहीं ऑस्ट्रेलियन स्पोर्ट्स कमिशन ने इसकी निंदा करते हुए टीम लीडरशिप और कोचिंग स्टाफ के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा. मैच खत्म होने के बाद कोच डैरेन लेहमन, कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान डेविड वॉर्नर ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया और सभी को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना कर दिया गया.
इसके बाद आईसीसी ने जांच में स्टीव स्मिथ और कैमरून ब्रैनक्राफ्ट को दोषी पाया और उन्हे सज़ा सुनाई. आईसीसी ने स्टीव स्मिथ पर एक मैच के बैन के साथ 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया वहीं ब्रैनक्राफ्ट को 75 फीसदी मैच फीस जुर्माने के रूप में भरने को कहा.
लेकिन ये विवाद इतने पर ही नहीं थमा. इस मामले को बढ़ता देख क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने निजी जांच करवाई और दोषियों को सजा दी. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर एक-एक साल का बैन लगाया. वहीं कैमरून ब्रैनक्राफ्ट को 9 महीने क्रिकेट से दूर रहने की सजा सुनाई. स्वदेश लौटने के बाद स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर ने सबके सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माफी मांगी. दोनों करोड़ों फैंस के सामने रोए, सच में ये पल किसी भी फैन के लिए बेहद दर्दनाक था.
फानी डिविलियर्स ने इस विवाद के बाद कहा था, "हमने कैमरामैन से कहा कि देखे, वो लोग जरूर गेंद पर कुछ लगा रहे हैं. घास से भरपूर पिच पर इतनी जल्दी रिवर्स स्विंग नहीं मिलती. ये कोई पाकिस्तानी विकेट नहीं है कि हर सेंटीमीटर पर दरारे हो."
वहीं साउथ अफ्रीका के कोच ओटिस गिब्सन ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया का किसी भी हाल में जीत दर्ज करने की बेताबी के चलते ये सब हुआ. उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलियाई खुद ही बोलते हैं कि वो जिस तरह की क्रिकेट खेलते हैं उसमें हर हाल में जीतना चाहते हैं.
इस मामले पर बाद में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पोंटिंग ने कहा था कि यह घटना टीम में सीनियर खिलाड़ियों के अनभुव की कमी की वजह से हुई थी. तब स्मिथ की टीम में ना कहने की हिम्मत किसी में नहीं थी और उस विवाद में फंसने का यही सबसे बड़ा कारण था. पोंटिंग ने कहा कि अगर वहां कोई अनुभवी खिलाड़ी होता तो शायद ऐसा नहीं होता.
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने इस विवाद पर कहा था कि गेंद से छेड़छाड़ वाले मामले में पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम शामिल थी, लेकिन उस वक्त टीम के कप्तान रहे स्टीव स्मिथ ने अपनी टीम को बचाने के लिए सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली. फ्लिंटॉफ को ये बात हजम नहीं होती कि टीम में इतनी बड़ी बात की योजना बनाई जा रही हो और इसका पता दूसरे खिलाड़ियों को बिल्कुल भी नहीं थी. सैंडपेपर का इस्तेमाल किया जाना काफी गलत था लेकिन मुझे विश्वास नहीं होता कि इसमें सिर्फ कुछ खिलाड़ी शामिल थे.
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